दो दिवसीय ईस्ट जोन मिड-टर्म सीएमई और पेडिकॉन शुरू, देश भर से 250 चाइल्ड स्पेशलिस्ट हुए शामिल… पहले दिन चार टॉपिक पर एक्सपर्ट ने दिया व्याख्यान
Samachar Post, रांची : बच्चों में इन दिनों कई बीमारियां तेजी से बढ़ रही है। कई बार समय पर बीमारियों को समझना भी मुश्किल हो जाता है। अभी बच्चों में सबसे ज्यादा सांस की समस्या देखने को मिल रही है। एक्यूट मैनेजमेंट रेस्पीरेट्री मॉर्बिडिटी के कारण मौत का ग्राफ भी बढ़ा है। ऐसे में किस तरह इस समस्या का सही उपचार करें। किन चीचों पर बारिकी से ध्यान देने की जरूरत है। कैसे इस तरह के मामलों में ज्यादा से ज्यादा बच्चों को बचाया जाए इसपर चर्चा की गई। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स द्वारा शनिवार से होटल होलीडे होम में दो दिवसीय सीएमई की शुरूआत की गई। विभिन्न बीमारियों को लेकर अलग-अलग एक्सपर्ट डॉक्टर्स ने अपने टॉपिक पर आपस में जानकारी साझा की। रांची के डॉ. ओपी महनसरिया के एबीसी ऑफ अंडरस्टैंडिंग एंड मैनेजमेंट एक्यूट रेस्पीरेट्री मॉर्बिडिटी टाॅपिक के साथ परिचर्चा की शुरूआत हुई।
इसके बाद बंगाल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. शांतनु देब ने रि-विजिटिंग पीडियाट्रिक ट्यूबरक्लोसिस की पहचान व उपचार के बारे जानकारी दी गई। आधे घंटे तक व्याख्यान देकर डॉ. शांतनु ने समझाया कि कैसे बच्चों में होने वाली टीबी की पहचान व सही इलाज किया जा सके। उन्होंने बताया कि कुछ समय से बच्चों में टीबी की समस्या बढ़ी है, इसका एक बार अनुवांशिक भी है। जबकि जन्म के समय भी इंफेक्शन के कारण इसके होने की संभावना होती है। डॉ. शांतनु ने कहा कि अगर समय से इलाज शुरू हो जाए तो यह पूरी तरह ठीक हो सकती है। कहा कि पुराने जमाने में मनटूस टेस्ट होता था, अब उसका कोई महत्व नही है। अब जीन एक्सपर्ट, एगरा जैसे एडवांस टेस्ट आ गए है जिससे टीबी को पकड़ना आसान हो गया है।
चिकित्सा के नवीनतम पद्धतियों से अवगत हुए चिकित्सक
ईस्ट जोन मिड-टर्म सीएमई और पेडिकॉन के दो दिवसीय सीएमई में देश भर के 250 शिशु रोग विशेषज्ञों ने भाग लिया। सभी ने शिशु चिकित्सा क्षेत्र में आ रहे आधुनिकतम बदलावों पर अपने विचार रखंे। इस दौरान सभी शिशु रोग विशेषज्ञों को चिकित्सा के नवीनतम पद्धतियों से अवगत कराया गया। विशेषज्ञों ने आधुनिकतम चिकित्सा पद्धतियों से संबंधित अनुभवों को साझा किया। सीएमई का उद्घाटन रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हीरेन बिरुआ ने किया।
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आनंद जगनानी हुए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित
सीएमई के दौरान रांची के वरिष्ट शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आनंद जगनानी को उनके चिकित्सकीय योगदान के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। वहीं, डॉ श्याम सिडाना ने देशभर से आए शिशु रोग विशेषज्ञों का स्वागत किया। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ हुंसी गिरी ने बच्चों में कब्ज की समस्या के बारे में जानकारी दी। डॉ नील रतन मजुमदार ने बच्चों के दिमागी विकास में होने वाले विकार के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।
आज बच्चों में गुर्दे रोग के इलाज में एडवांस तकनीक की जानकारी देंगे दिल्ली एम्स के डॉ. सचित
रविवार को दिल्ली एम्स के डॉ. सचित आनंद बच्चों के गुर्दे रोग के इलाज में आने वाले नवीनतम बदलावो पर व्याख्यान देंगे। इसके अलावा डॉ शंतानु भद्रा बच्चों के किशोर अवस्था में होने वाली बिमारी और मानसिक समस्या पर बात करेंगे। इस कॉन्फ्रेंस के सफल आयोजन में शिशु रोग विशेषज्ञ सह ऑर्गनाइजिंग सेक्रेट्री डॉ. राजेश कुमार, डॉ प्रेम कुमार, डॉ अनिताभ कुमार, डॉ राजीव मिश्रा, डॉ पीके गुप्ता, डॉ अजीत सहाय समेत अन्य का याेगदान रहा।
बच्चों में होने वाली सांस की बीमारी, टीबी, कब्ज और दिमागी विकास की समस्या आम, एक्सपर्ट्स ने बताया कैसे करें बेहतर उपचार।https://t.co/vUli6IVAaK
— Samachar Post (@samachar_post) June 15, 2024