
सीरियर पेशेंट्स को प्राइवेट से रिम्स रेफरल पर प्रबंधन सख्त, बन रही है नई नीति कि किस तरह के रेफरल पेशेंट्स रिम्स में किए जाएंगे एडमिट, जीबी में बतौर एजेंडा किया जाएगा शामिल
Samachar Post, रांची : रिम्स में सीरियस पेशेंट्स का डेथ रेशियाें पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ गया है। हालांकि, रिम्स में इलाज के दौरान मरने वाले अधिकांश वैसे रोगी हैं जिन्हें लंबे समय तक प्राइवेट अस्पताल में इलाज कर रिम्स रेफर किया जाता है। वे प्राइवेट अस्पताल से ही गंभीर स्थिति में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रिम्स में भर्ती होते हैं और भर्ती होने के बाद अधिकतम 24 से 48 घंटें के भीतर दम तोड़ देते हैं। करीब 20 से 25% मरीज की मौत अस्पताल पहुंचने के 6 घंटें के भीतर ही हो जाती है। अब इसे लेकर रिम्स प्रबंधन सख्त हुआ है। रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार ने शनिवार को सभी विभागाध्यक्षों के साथ बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। बैठक में डीन डॉ. शशिबाला सिंह, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हीरेन्द्र बिरुआ, चिकित्सा उपाधीक्षक-2 डॉ. राजीव रंजन भी उपस्थित थे।
बैठक के दौरान अन्य अस्पतालों से गंभीर मरीजों को रिम्स भेजने को लेकर लंबी चर्चा हुई। निदेशक डाॅ. राजकुमार ने कहा कि रिम्स अन्य निजी अस्पतालों के लिए डंपिंग ग्राउंड नहीं हैं जहां वे एक मरीज के साथ कुप्रबंधन करते हैं और उनके पैसे ख़त्म होने जाने पर उन्हें रिम्स रेफर कर देते हैं। निदेशक ने कहा कि इसे लेकर रिम्स द्वारा एक नीति तैयार की जा रही है। इस नीति में इसका उल्लेख होगा कि किस तरह के रेफरल पेशेंट्स रिम्स में एडमिट लिए जाएंगे। पेशेंट्स की स्थिति से संबंधित एक पारामीटर निर्धारित किया जाएगा। इसके लिए सभी विभागाध्यक्षों से उनकी अनुशंसा मांगी गई है। इस नीति को स्वीकृति के लिए आगामी शासी परिषद की बैठक में भी बतौर एजेंडा शामिल किया जाएगा।
दूसरे बड़े संस्थान में किस तरह पालन हो रहा उसका किया जाएगा अध्यन
रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. राजीव रंजन ने बताया कि किस तरह के पेशेंट्स को एडमिट किया जाए या नही यह ऐसे तय नही किया जा सकता। चूंकि रिम्स आने वाले पेशेंट्स सीरियस होंगे, जो नीति तैयार करने की बात हो रही है उसके लिए पहले दूसरे बड़े संस्थान में किस तरह से इसका पालन हो रहा है उसका अध्यन किया जाएगा। उसके आधार पर यहां भी एसओपी बनाई जाएगी।
डॉक्टर राउंड में जो भी सलाह मरीजों को देंगे, पर्ची में करना होगा उल्लेख
बैठक के दौरान रिम्स की व्यवस्था सुधारने के लिए भी निर्देश ने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिया है कि वार्डाें का नियमित रूप से राउंड सुनिश्चित करें। साथ ही राउंड के दौरान मरीजों को जो भी सलाह देंगे उसका उल्लेख मरीज की पर्ची में जरूर करेंगे। इसे तत्काल प्रभाव से लागू करने की बात कही गई है। इसके अलावा निदेशक ने सभी स्वास्थ्यकर्मियों के लिए रिम्स में आईडी कार्ड लगाना अनिवार्य किया है, सभी एचओडी को इसका सख्ती से पालन कराना सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है।
निदेशक ने चिकित्सकों की अपील- रिम्स में सुधार की गुंजाइश है, आप सहयोग करें
बैठक के दौरान रिम्स में परीक्षा और शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने पर भी चर्चा गई, निदेशक ने कहा कि इसकी जिम्मेदारी सभी विभागाध्यक्षों की रहेगी। सभी छात्रों को अनुशासन सिखाया जाना चाहिए, क्योंकि वे किसी न किसी तरह से अपने शिक्षकों का अनुकरण करते हैं। इसके अलावा रिम्स में एक विभाग से दूसरे विभाग ने मरीजों के स्थानांतरण को सुव्यवस्थित किए जाने पर भी चर्चा हुई, जिसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने पर सहमति बनी। इसके अलावा निदेशक ने सभी चिकित्सकों से अपील करते हुए कहा कि रिम्स में सुधर की गुंजाइश है। आप सहयोग करेंगे तभी यहां की व्यवस्था मजबूत होगी।