Samachar Post रिपोर्टर, रांची : झारखंड में नक्सलियों और संगठित अपराधियों के खिलाफ पुलिस का अभियान लगातार तेज हो रहा है। इस साल जनवरी से अगस्त 2025 तक राज्य में हर महीने औसतन तीन एनकाउंटर हुए हैं। आठ महीनों में कुल 26 अपराधी और नक्सली मारे गए, जिनमें 23 नक्सली और 3 कुख्यात अपराधी शामिल हैं।
पुलिस कार्रवाई का बढ़ता असर
पुलिस और सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई से नक्सलियों की कमर टूटती नजर आ रही है। कई इनामी नक्सली और आपराधिक गिरोह के सदस्य मुठभेड़ों में मारे गए। हालांकि, इस दौरान पांच जवान भी शहीद हुए हैं, जो नक्सली मुठभेड़ और आईईडी धमाकों की चपेट में आए।
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बड़े एनकाउंटर और इनामी नक्सलियों का सफाया
- 21 अप्रैल, बोकारो: लुगु पहाड़ में एक करोड़ के इनामी प्रयाग मांझी उर्फ विवेक सहित आठ माओवादी मारे गए।
- 16 जुलाई, बोकारो: 25 लाख के इनामी कुंवर मांझी और एक अन्य नक्सली ढेर।
- 5 अगस्त, गुमला: 15 लाख का इनामी पीएलएफआई कमांडर मार्टिन केरकेट्टा मारा गया।
- 24 मई, लातेहार: जेजेएमपी सुप्रीमो पप्पू लोहरा (10 लाख इनामी) और प्रभात गंझू (5 लाख इनामी) को पुलिस ने मार गिराया।
अपराधियों पर भी शिकंजा
नक्सलियों के अलावा पुलिस ने संगठित अपराधियों पर भी बड़ी कार्रवाई की।
- 11 मार्च: 100 से ज्यादा मामलों में वांछित गैंगस्टर अमन साहू को एटीएस ने एनकाउंटर में मार गिराया।
- 11 अगस्त: गोड्डा में अपराधी सूर्या हांसदा मारा गया।
- 11 जनवरी: रामगढ़ में कुख्यात अपराधी राहुल तुरी का एनकाउंटर हुआ।
सुरक्षा एजेंसियों की रणनीति
सुरक्षाबल नक्सल प्रभावित जिलों में लगातार सर्च अभियान चला रहे हैं। ड्रोन, आधुनिक हथियारों और खुफिया नेटवर्क की मदद से नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। प्रशासन का दावा है कि आने वाले महीनों में और बड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।