
Samachar Post डेस्क, रांची : रांची नगड़ी जमीन बचाओ संघर्ष समिति के आमंत्रण पर पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन रविवार को नगड़ी पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों और समाज के मार्गदर्शकों के साथ उस जमीन का निरीक्षण किया, जिस पर अस्पताल निर्माण को लेकर विवाद है।
मौके पर चंपई सोरेन ने स्पष्ट कहा कि उनका मकसद अस्पताल निर्माण का विरोध करना नहीं है, बल्कि आदिवासी किसानों की खेतिहर जमीन बचाना है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार के पास लैंड बैंक में बंजर जमीन और स्मार्ट सिटी में सैकड़ों एकड़ खाली जमीन उपलब्ध है, तो फिर गरीब आदिवासी किसानों की जमीन क्यों छीनी जा रही है।
आंदोलन की पृष्ठभूमि पर सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री ने तीखे शब्दों में कहा
- “क्या इन आदिवासियों-मूलवासियों के अधिकार छीनने के लिए ही अलग झारखंड राज्य का आंदोलन किया गया था? क्या हमने जंगलों, पहाड़ों और सुदूरवर्ती गांवों की खाक छानकर यही दिन देखने के लिए संघर्ष किया था?”

आगामी कार्यक्रम
संघर्ष समिति ने घोषणा की है कि 24 अगस्त को हजारों-लाखों लोग किसानों के साथ खेतों में उतरेंगे और “हल जोतो, रोपा रोपो” कार्यक्रम के तहत हल चलाकर आंदोलन को नया रूप देंगे।

Reporter | Samachar Post
मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।