Samachar Post रिपोर्टर, रांची :रांची रेलवे स्टेशन के मेगा विस्तार को लेकर रेलवे ने बड़ा फैसला लिया है। स्टेशन परिसर में दो अतिरिक्त रेल लाइनों का निर्माण किया जाएगा और नामकुम छोर पर एक नया डेड-एंड प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा। यह प्लेटफॉर्म उन ट्रेनों के संचालन को आसान बनाएगा, जिनकी शुरुआत या समाप्ति रांची से होती है।
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स्टेशन पर ट्रेनों की आवाजाही होगी और सुगम
नई रेल लाइनों के बनने से स्टेशन पर ट्रेनों के आगमन और प्रस्थान की व्यवस्था बेहतर होगी। वहीं, डेड-एंड प्लेटफॉर्म से ट्रेनों के ठहराव और वापस लौटने की प्रक्रिया सरल हो जाएगी। इससे प्लेटफॉर्म पर भीड़ का दबाव कम होगा और यात्रियों को राहत मिलेगी। आधुनिक ट्रेन सेवाओं, खासकर वंदे भारत जैसी ट्रेनों के संचालन में भी यह सुविधा मददगार साबित होगी।
रेल लाइनों की संख्या 8 से बढ़कर होगी 11
फिलहाल रांची रेलवे स्टेशन पर 8 रेल लाइनें मौजूद हैं। जनवरी 2026 में छठा प्लेटफॉर्म चालू होने के बाद एक और रेल लाइन जुड़ जाएगी। इसके साथ ही प्लेटफॉर्म नंबर 5 और 6 के बीच लगभग एक-एक किलोमीटर लंबी दो नई रेल लाइनें बनाई जा रही हैं। परियोजना पूरी होने के बाद स्टेशन पर कुल 11 रेल लाइनें उपलब्ध होंगी, जिससे ट्रेनों को संभालने की क्षमता में बड़ा इजाफा होगा।
दूसरे स्टेशनों पर ट्रेन रोकने की मजबूरी से मिलेगी राहत
जगह की कमी के कारण फिलहाल कई ट्रेनों को पिस्का, बालसिरिंग और हटिया जैसे नज़दीकी स्टेशनों पर रोका जाता है, जिससे समय प्रबंधन प्रभावित होता है और यात्रियों को असुविधा होती है। नई व्यवस्था लागू होने के बाद ट्रेनों को अनावश्यक रूप से दूसरे स्टेशनों पर खड़ा नहीं करना पड़ेगा और रांची से नए गंतव्यों के लिए अतिरिक्त ट्रेन सेवाएँ शुरू करने की संभावना भी बढ़ेगी।
प्लेटफॉर्म की संख्या 5 से बढ़कर होगी 8
वर्तमान में स्टेशन पर 5 मुख्य प्लेटफॉर्म और लोहरदगा रूट के लिए 1 डेड-एंड प्लेटफॉर्म संचालित है। जनवरी 2026 में छठा मुख्य प्लेटफॉर्म भी चालू हो जाएगा। नामकुम छोर पर एक और नए प्लेटफॉर्म के निर्माण के बाद स्टेशन पर कुल 8 प्लेटफॉर्म हो जाएंगे। इस नए प्लेटफॉर्म का सतहीकरण और विद्युतीकरण पहले ही पूरा किया जा चुका है, जबकि शेड निर्माण और ट्रैक जोड़ने का कार्य अंतिम चरण में है।
DRM बोले-भविष्य की जरूरतों के लिए तैयार हो रहा स्टेशन
रांची रेल मंडल के DRM करुणानिधि सिंह ने बताया कि विस्तार योजना भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। अतिरिक्त रेल लाइनों और डेड-एंड प्लेटफॉर्म से स्टेशन का ढांचा मजबूत होगा और रांची से बड़े महानगरों के लिए अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन भी संभव हो सकेगा। रेलवे के मुताबिक, एक किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन के निर्माण पर करीब 12 से 15 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। दो नई लाइनों के निर्माण से स्टेशन की परिचालन क्षमता बढ़ेगी और बड़े शहरों के लिए नई ट्रेन सेवाएँ शुरू करने का रास्ता भी खुल जाएगा।
Reporter | Samachar Post