Samachar Post डेस्क,बिहार :बिहार सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी सेवाओं को तेज़, पारदर्शी और आम जनता की पहुंच में लाने के लिए एक बड़ी पहल शुरू की है। इसके तहत जीविका दीदियों को ई-निबंधन और अन्य सरकारी योजनाओं के प्रति गांव-गांव जागरूकता फैलाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। यह योजना ‘डिजिटल दीदी सह सक्षमा दीदी’ के नाम से संचालित होगी, जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को बार-बार सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने से राहत देना और ऑनलाइन निबंधन की प्रक्रिया सरल व तेज़ बनाना है।
यह भी पढ़ें :CM हेमंत सोरेन आज 1,927 अभ्यर्थियों को सौंपेंगे नियुक्ति पत्र, मोरहाबादी में भव्य समारोह
पहले चरण में 1,000+ दीदियों का चयन, मिलेगा विशेष प्रशिक्षण
योजना के पहले चरण में 1,000 से अधिक जीविका दीदियों का चयन किया जाएगा। चयनित दीदियों को कंप्यूटर, प्रिंटर और Wi-Fi सुविधा, इंटरनेट उपयोग, फॉर्म भरना, दस्तावेज़ अपलोड और ऑनलाइन शुल्क जमा करने की स्पेशल ट्रेनिंग, ई-निबंधन शुल्क जमा करने की प्रक्रिया का तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे ग्रामीणों को डिजिटल सेवाओं की पूरी जानकारी और मदद प्रदान कर सकें।
गांव वालों को मिलेगा घर-बैठे आवेदन का फायदा
इस पहल से ग्रामीण अब घर से ही ऑनलाइन फॉर्म भर सकेंगे, दस्तावेज़ अपलोड कर सकेंगे, ई-निबंधन शुल्क डिजिटल माध्यम से जमा कर सकेंगे। इसके अलावा, विवाह निबंधन, गोदनामा, दस्तावेज़ शुल्क और अन्य जरूरी सेवाओं की जानकारी भी दीदियों के जरिए गांव तक पहुंचेगी।
जीविका नेटवर्क का होगा विस्तार, डिजिटल सेवाएं होंगी और मजबूत
बिहार में लगभग 1.5 करोड़ जीविका दीदियां कार्यरत हैं। इनके नेटवर्क के तहत हर प्रखंड में जीविका कार्यालय, ग्रामीण क्षेत्रों में 270 दीदी अधिकार केंद्र, राज्यभर में 270+ दीदी अधिकार केंद्र संचालित हो रहे हैं। इस नई योजना से इन केंद्रों और दीदियों की पहुंच और प्रभाव कई गुना बढ़ने की उम्मीद है।
पायलट सफल हुआ तो पूरे बिहार में होगा लागू
सरकार का कहना है कि पायलट प्रोजेक्ट के सफल होते ही योजना को पूरे बिहार में लागू किया जाएगा। इस पहल से ग्रामीण इलाकों में डिजिटल साक्षरता बढ़ेगी। सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता आएगी। लोग डिजिटल रूप से सशक्त और जागरूक बनेंगे।
Reporter | Samachar Post