Samachar Post रिपोर्टर, रांची : रिम्स परिसर में स्थित पावरग्रिड विश्राम गृह को लेकर मरीजों और उनके परिजनों का इंतजार अब खत्म हो गया है। निविदा प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसके संचालन की जिम्मेदारी साउथ विहार वेलफेयर सोसाइटी फॉर ट्राइबल्स को सौंपी गई है। नई एजेंसी नए साल के पहले दिन से विश्राम गृह का संचालन शुरू करेगी।
किराए में बड़ी कटौती, गरीब परिवारों को राहत
रिम्स प्रबंधन ने विश्राम गृह के किराए में बड़ी राहत दी है।
- पहले: ₹100 प्रति व्यक्ति प्रतिदिन
- अब: ₹25 प्रति व्यक्ति प्रतिदिन (पहले 7 दिन तक)
- 7 दिन बाद: ₹50 प्रतिदिन
इन नई दरों को रिम्स की गवर्निंग बॉडी से मंजूरी मिल चुकी है। इस फैसले से गरीब और मध्यमवर्गीय मरीजों के परिजनों को बड़ी राहत मिलेगी।
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अब पूरे पांच तल्ले होंगे चालू, 310 बेड उपलब्ध
अब तक विश्राम गृह का सिर्फ पहला तल्ला ही संचालित हो रहा था, जिससे सीमित संख्या में लोगों को ठहरने की सुविधा मिल पाती थी। नए संचालन के बाद, पांचों तल्ले पूरी तरह चालू, कुल 310 बेड उपलब्ध होंगे इससे रिम्स में भर्ती मरीजों के परिजनों को बाहर महंगे कमरों में रहने की मजबूरी नहीं रहेगी।
कैंटीन, कैफेटेरिया और फार्मेसी की भी तैयारी
विश्राम गृह में जल्द ही, कैंटीन, कैफेटेरिया, फार्मेसी शुरू की जाएगी। इससे परिजनों को खाने-पीने और दवाइयों के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
ठहरने के लिए ये नियम होंगे लागू
- केवल रिम्स में भर्ती मरीजों के परिजन ही ठहर सकेंगे
- भर्ती से जुड़े दस्तावेजों के साथ आवेदन जरूरी
- प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही बेड आवंटन होगा
- विश्राम गृह की प्रमुख सुविधाएं
- कुल 50 कमरे, प्रत्येक में 6-6 बेड
- हर बेड के लिए अलग लॉकर
- कमरों के बाहर अतिरिक्त लॉकर
- हर फ्लोर पर दो कॉमन वॉशरूम
- दिव्यांगों के लिए 5 विशेष बाथरूम
- सभी तल्लों पर बैठने की सुविधा
- हर फ्लोर पर वॉटर प्यूरीफायर
- छत पर 5000 लीटर क्षमता का सोलर वॉटर हीटर प्लांट
महंगे कमरों से मिलेगी मुक्ति
रिम्स राज्य का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है, जहां एक समय में 2000 से अधिक मरीज भर्ती रहते हैं। अब तक विश्राम गृह पूरी तरह चालू न होने के कारण परिजनों को बाहर ₹1000 से ₹2000 प्रतिदिन में कमरे लेने पड़ते थे। लेकिन नए साल से मात्र 25 रुपये में ठहरने की सुविधा मिलने से यह समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी।
Reporter | Samachar Post
मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।