Samachar Post रिपोर्टर, रांची :राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS) ने MBBS प्रथम वर्ष (सत्र 2025-26) की छात्रा काजल का नामांकन फर्जी SC प्रमाणपत्र पाए जाने के बाद रद्द कर दिया है। संस्थान ने सोमवार को आदेश जारी करते हुए छात्रा को कक्षा में प्रवेश और हॉस्टल में रहने पर रोक लगा दी।
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JCECEB की प्रक्रिया पर सवाल
छात्रा को 20 नवंबर को निलंबित किया गया था। गिरिडीह DC ने प्रमाणपत्र फर्जी होने की लिखित पुष्टि की। RIMS ने छात्रा को लगातार तीन नोटिस भेजे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। विधि सलाह के बाद संस्थान ने उसे दोषी मानते हुए नामांकन रद्द कर दिया। डीन (छात्र कल्याण) डॉ. शिव प्रिये ने बताया कि पूरी रिपोर्ट विभागीय संयुक्त सचिव और JCECEB को भेज दी गई है, और गिरिडीह DC को जालसाजी में शामिल लोगों की पहचान के लिए कार्रवाई करने को कहा गया है। काजल ने JCECEB के माध्यम से SC श्रेणी में रैंक-01 प्राप्त कर MBBS सीट हासिल की थी। इससे पहले हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि नामांकन के समय दस्तावेज़ों में जालसाजी होती है, जबकि कॉलेज स्तर पर सत्यापन में पकड़ी जाती है।
संस्थान नहीं करेगा एफआईआर,कहा छात्रा के भविष्य नीट परीक्षा पर असर
RIMS ने कहा कि संस्थान अपनी ओर से एफआईआर दर्ज नहीं करेगा, लेकिन स्वास्थ्य विभाग या जिला प्रशासन चाहें तो प्राथमिकी दर्ज कर सकते हैं। छात्रा नीट परीक्षा के लिए अभी सामान्य अभ्यर्थी की तरह उपस्थित हो सकती हैं।अगर भविष्य में आपराधिक मामला दर्ज होता है या नीट उसे फ्रॉड की श्रेणी में दंडित करता है, तभी स्थायी प्रतिबंध लगेगा। विशेषज्ञ सुझाव दे रहे हैं कि नीट फॉर्म और नामांकन के समय प्रमाणपत्रों का सख्त मिलान अनिवार्य किया जाना चाहिए।
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