- PMO ने स्वास्थ्य मंत्रालय को अग्रसारित किया आवेदन
Samachar Post रिपोर्टर, लोहरदगा : लोहरदगा जिले में सरकारी मेडिकल कॉलेज की स्थापना को लेकर चल रहे प्रयासों के बीच प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से प्राप्त जवाब का अध्ययन सार्वजनिक किया गया। भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा, झारखंड प्रदेश के महामंत्री बिन्देश्वर उराँव ने बताया कि PMO ने उनके विस्तृत आवेदन को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को भेजा था। स्वास्थ्य मंत्रालय की एक्शन टेकन रिपोर्ट (ATR) में कहा गया कि वर्तमान में लोहरदगा में मेडिकल कॉलेज की स्थापना का कोई प्रस्ताव उपलब्ध नहीं है, क्योंकि यह जिला राज्य की राजधानी रांची के निकट स्थित है।
बिन्देश्वर उराँव की प्रतिक्रिया
बिन्देश्वर उराँव ने कहा कि मंत्रालय का यह जवाब जनता की आकांक्षाओं और भविष्य की जरूरतों को पूरा नहीं करता।
उनका कहना है कि यह माँग केवल लोहरदगा तक सीमित नहीं है, बल्कि गुमला, लातेहार, पलामू और आसपास के जिलों के लाखों गरीब, आदिवासी और ग्रामीण जनता के हित से जुड़ी है। राजधानी की निकटता कोई तर्क नहीं है। इलाज, आपातकालीन सेवाएँ और मेडिकल शिक्षा सभी की पहुँच में होनी चाहिए, दूरी पर निर्भर नहीं। आज भी हजारों युवा MBBS, नर्सिंग और पैरामेडिकल की पढ़ाई के लिए अन्य राज्यों जाते हैं। आपातकालीन मरीजों के लिए रांची की दूरी कई बार जीवन और मृत्यु के बीच का अंतर बन जाती है।
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मेडिकल कॉलेज से क्षेत्र में होगा सुधार
बिन्देश्वर उराँव ने कहा कि लोहरदगा में मेडिकल कॉलेज की स्थापना से, गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध होंगी, आदिवासी और ग्रामीण युवाओं को स्थानीय स्तर पर मेडिकल शिक्षा का अवसर मिलेगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और क्षेत्र की स्वास्थ्य अवसंरचना मजबूत होगी।
अगले कदम: जनसुनवाई और प्रस्ताव फिर से भेजा जाएगा
उराँव ने घोषणा की कि अब इस विषय पर विस्तृत जनसुनवाई, हस्ताक्षर अभियान और जनप्रतिनिधियों से मुलाकात कर केंद्र सरकार को पुनः विस्तृत प्रस्ताव भेजा जाएगा। यह माँग जनता की है और इसके लिए मैं अंतिम दम तक संघर्ष करूँगा। यह मुद्दा लोहरदगा ही नहीं, बल्कि पूरे दक्षिणी छोटानागपुर और पलामू प्रमंडल के भविष्य से जुड़ा है।
Reporter | Samachar Post
मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।