Samachar Post डेस्क, रांची : एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने IAS विनय चौबे के खिलाफ सबूत जुटाए हैं। चौबे के हजारीबाग में डीसी रहते हुए दो भूमि घोटाले हुए, जिनमें नियमों का उल्लंघन और निजी लाभ शामिल है।
पहला मामला, सेवायत भूमि घोटाला
केस संख्या 9/2025 एसीबी ने जुलाई 2025 में मामला दर्ज किया था। इसमें विनय चौबे ने 23 लोगों के नाम सेवायत भूमि की रजिस्ट्री का आदेश पारित किया। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के पत्र संख्या 1346 का इस्तेमाल किया गया। उच्च न्यायालय ने पहले ही आदेश दिया था कि उक्त भूमि का ट्रांसफर किसी के नाम न किया जाए।
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दूसरा मामला, वन भूमि घोटाला
केस संख्या 11/2025 विनय सिंह और उनकी पत्नी स्निग्धा सिंह ने हजारीबाग में एक एकड़ भूमि खरीदी। म्यूटेशन वाद संख्या 481/2010-11 के तहत यह कार्य हुआ। खाता संख्या 73 की भूमि रैयती और खाता संख्या 95 की भूमि गैर मंजरूआ खास किस्म की जंगल भूमि थी। सुप्रीम कोर्ट के WPC (202/95) आदेश के अनुसार यह भूमि में आती थी।
एसीबी की जांच में सामने आया
सरकारी पदाधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा पद का दुरुपयोग हुआ। हजारीबाग जिले में गैर मंजरूआ जंगल भूमि को भूमि माफिया से अवैध तरीके से हासिल किया गया। विक्रेता और अन्य व्यक्तियों ने धोखाधड़ी और मिलीभगत की। आरोपियों में तत्कालीन राजस्व कर्मचारी संतोष कुमार वर्मा, अंचल निरीक्षक राजेन्द्र प्रसाद सिंह, अंचल अधिकारी अलका कुमारी और विक्रेता दानिंद्र कुमार निरंजन कुमार शामिल हैं। ACB अब दोनों मामलों में गहन जांच कर रही है और IAS विनय चौबे की भूमिका पर भी विशेष ध्यान दे रही है।
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