- बिहार में वोटर वेरिफिकेशन प्रक्रिया विवादों में
Samachar Post डेस्क, रांची : बिहार में चल रही SIR (वोटर वेरिफिकेशन प्रक्रिया) को लेकर दायर याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। पिछली सुनवाई (8 सितंबर) में अदालत ने स्पष्ट किया था कि आधार पहचान का दस्तावेज़ है, नागरिकता का नहीं।
कोर्ट का रुख
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा था –
- आधार कार्ड को 12वें पहचान दस्तावेज़ के रूप में शामिल किया जाए।
- केवल असली नागरिकों को ही वोटिंग का अधिकार मिलेगा।
- फर्जी दस्तावेज़ वालों को मतदाता सूची से हटाया जाए।
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कपिल सिब्बल की आपत्ति
कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी थी कि कोर्ट के आदेश के बावजूद 65 लाख लोगों के आधार कार्ड अब तक स्वीकार नहीं किए गए हैं। उन्होंने कहा कि आयोग आधार स्वीकार करने वाले BLOs को कारण बताओ नोटिस भेज रहा है।
चुनाव आयोग पर सवाल
सिब्बल ने कोर्ट में बताया कि ये नोटिस निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों के हस्ताक्षर से जारी किए गए हैं। हालांकि, आयोग के वकील राकेश द्विवेदी ने कहा कि उनके पास इस तरह के नोटिस उपलब्ध नहीं हैं। कोर्ट ने इस पर आयोग से स्पष्टीकरण मांगा है।
अगली सुनवाई से उम्मीदें
अब 15 सितंबर को होने वाली सुनवाई में यह देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट आधार कार्ड को मतदाता पहचान दस्तावेज़ के तौर पर औपचारिक मान्यता देता है या नहीं।
Reporter | Samachar Post
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