Samachar Post डेस्क, रांची : झारखंड में प्रस्तावित रिम्स-2 को लेकर नई बहस शुरू हो गई है। हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर इस मेडिकल संस्थान की स्थापना हजारीबाग में करने की मांग की है।
सांसद ने अपने पत्र में तर्क दिया है कि हजारीबाग, रांची की तुलना में इस परियोजना के लिए अधिक उपयुक्त स्थान है। यहां पर्याप्त सरकारी भूमि उपलब्ध है, जिससे परियोजना को बिना किसी बड़े विवाद और देरी के पूरा किया जा सकता है। इसके विपरीत, रांची में भूमि विवादों के कारण कई योजनाएं अक्सर अधर में लटक जाती हैं।
मरीजों का दबाव होगा कम
जायसवाल ने कहा कि वर्तमान में रांची स्थित रिम्स पर सबसे ज्यादा दबाव हजारीबाग और आसपास के जिलों से आने वाले मरीजों का है। यदि हजारीबाग में रिम्स-2 स्थापित होता है तो रांची के बोझ को काफी हद तक कम किया जा सकेगा और उत्तर-पूर्वी झारखंड के मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी।
रणनीतिक लोकेशन और कनेक्टिविटी
हजारीबाग की भौगोलिक स्थिति इसे एक केंद्र बिंदु बनाती है। यह कोडरमा, चतरा, रामगढ़, बोकारो और गिरिडीह से सीधा जुड़ा हुआ है। साथ ही बिहार की सीमा से सटे होने के कारण पड़ोसी राज्य के मरीजों को भी लाभ मिल सकता है।
यहां से एनएच-2 और एनएच-33 गुजरते हैं, जिससे कनेक्टिविटी बेहद मजबूत है और पलामू प्रमंडल के मरीजों को भी सुविधा मिल सकती है।
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भविष्य की योजना
सांसद जायसवाल ने यह सुझाव भी दिया कि भविष्य में झारखंड के हर प्रमंडल मुख्यालय में रिम्स की स्थापना की जानी चाहिए, ताकि राज्य के सभी हिस्सों तक उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं पहुंच सकें। अंत में उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि जनहित को ध्यान में रखते हुए हजारीबाग में रिम्स-2 की स्थापना पर गंभीरता से विचार किया जाए।
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मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।