अस्पताल सूचीबद्ध होते ही मुंह के कैंसर से पीड़ित गंभीर मरीज का इलाज शुरू, इम्यूनोथेरेपी की दो वॉइल की कीमत 4.5 लाख, पीड़ित को मिला निश्शुल्कसिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार ने बताया- 10 दिन पहले सदर अस्पताल किया गया सूचीबद्ध, अस्पताल में भर्ती एक रोगी की राशि को स्वीकृति भी मिल चुकी
Samachar Post, रांची : कैंसर चिकित्सा के मामले में सभी सुविधाओं से लैस रांची सदर अस्पताल में अब मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत इलाज मिल सकेगा। यह राज्य का पहला जिला अस्पताल बना जिसे इस असाध्य रोग योजना के तहत सूचीबद्ध किया गया। सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि 10 दिन पूर्व सदर अस्पताल को सरकार ने सूचीबद्ध किया है। मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत सूचीबद्ध होने के बाद अब यहां कैंसर इलाज के लिए सरकार की ओर से 10 लाख तक की आर्थिक मदद रोगियों को की जाएगी। विभिन्न तरह के कैंसर मामलों में गरीब रोगियों को महंगे खर्च से गुजरना पड़ता है। अब इससे राहत मिलेगी। जिनकी वार्षिक आय 72 हजार से कम होगी, वह इस योजना का लाभ लेने के लिए सीधा सिविल सर्जन कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के बाद प्रमाण पत्रों की जांच के बाद अविलंब राशि की भुगतान अस्पताल को की जाएगी। सिविल सर्जन ने बताया कि अस्पताल सूचीबद्ध होते ही मुंह के कैंसर से पीड़ित एक रोगी को स्वीकृत राशि का भुगतान भी किया जा चुका है। इसी के तहत सदर अस्पताल में आंकोलॉजिस्ट डॉ. गुंजेश कुमार सिंह की देखरेख में उसका इलाज भी जारी है।
चौथे स्टेज के मुंह के कैंसर पीड़ित का चल रहा इलाज, दी जा रही इम्यूनोथेरेपी
मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत सदर अस्पताल में चौथे स्टेज के मुंह के कैैंसर पीड़ित का इलाज चल रहा है। उसकी स्थिति गंभीर है। कैंसर विशेषज्ञ डॉ. गुंजेश कुमार सिंह की देखरेख में इलाज जारी है। उन्होंने बताया कि मरीज गंभीर स्थिति में अस्पताल पहुंचा था। यहां उसे असाध्य बीमारी योजना का लाभ मिला है। इस स्थिति के रोगियों को इम्यूनोथेरेपी के साथ कीमोथेरेपी का कोम्बीनेशन चलाया जाता है। इस मरीज को 2 वाॅइल इम्यूनोथेरेपी की दवा उपलब्ध कराई गई है। इसकी कीमत करीब 4.5 लाख रुपये है। लेकिन योजना के तहत रोगी को यह निश्शुल्क उपलब्ध कराया गया है।
43 बेड के कैंसर विभाग में हमेशा 35 से 40 मरीज इलाजरत
सदर अस्पताल का कैंसर विभाग करीब आठ माह पहले शुरू किया गया है। 14 बेड से शुरू हुए विभाग में मरीज की संख्या बढ़ने पर 19 बेड किया गया। इसके बाद संख्या बढ़ाकर 26 की गई। मरीज बढ़ने पर 30 बेड पर इलाज किया जाने लगा। अब 43 बेड पर मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार के अनुसार, हमेशा 90% बेड भरे रहते हैं। अस्पताल में ओटी का सारा सेटअप किया जा चुका है। सर्जरी की जरूरी उपकरण इंस्टॉल किए जा चुके है। 5वें तल्ले में आईसीयू है, यहां वेंटिलेटर, एचएफएनसी समेत अन्य उपकरण लगाए जा चुके है।
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हर तरह के कैंसर का इलाज
सिविल सर्जन ने बताया कि सदर अस्पताल में वर्तमान में एक मेडिकल आंकोलॉजिस्ट डॉ. गुंजेश कुमार सिंह के अलावा दो कैंसर सर्जन डॉ. सुरेश एम और डॉ. अजय विद्यार्थी और ब्लड कैंसर के लिए डॉ. अभिषेक रंजन हैं। सदर अस्पताल में सिर्फ डॉ. गुजेंश अगस्त 2024 तक 543 कीमोथेरेपी पूरी कर चुके हैं। यहां हर तरह के ब्लड कैंसर, ग्लैंड कैंसर, नेक कैंसर समेत अन्य कैंसर के उपचार की सुविधा शुरू है।
रिम्स को टक्कर दे रहा सदर अस्पताल का कैंसर विभाग
कैंसर ट्रीटमेंट के मामले में जिला अस्पताल रिम्स को टक्कर दे रहा है। रिम्स में मरीज को पहुंचने के बाद शुरूआत में परेशानी का सामना करना पड़ता है, गंभीर मरीज को भी पहले इमरजेंसी में भर्ती होने के बाद घंटों इंतजार करना पड़ता है। चूंकि रिम्स में कैंसर विशेषज्ञ की इमजेंसी ड्यूटी नही लगाई जाती, इसलिए कई घंटें के बाद मरीज को कैंसर विभाग में शिफ्ट किया जाता है। कई बार इलाज में देरी होती है। ऐसे में सदर अस्पताल अब कैंसर पीड़ित रोगियों की पसंद बन चुका है। हर दिन यहां अोपीडी में रिम्स के आंकोलॉजी विभाग से ज्यादा मरीजों की भीड़ हो रही है। बीते 10 दिन में रिम्स के आंकोलॉजी ओपीडी में 134 रोगी इलाज कराने पहुंचे थे, जबकि सदर अस्पताल में संख्या 197 थी। पिछले छह माह में यहां 543 रोगियों की कीमोथेरेपी की जा चुकी है।