हाईकोर्ट के अधिवक्ता ने स्वास्थ्य मंत्री को आवेदन देकर अपर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शैलेश त्रिपाठी पर लगाया करप्शन का आरोप, बताया- आउटसोर्सिंग एजेंसी से मोटी रकम लेकर देते हैं गुणवत्ता प्रमाण पत्र।
Samachar Post, रांची : रिम्स में कुछ महीनों से कई कार्य नियम विरुद्ध हो रहे हैं। जैसे हॉस्पिटल मैनेजमेंट के एक छात्र को बड़ी कमेटी का सदस्य बनाकर जिम्मेदारी देना। किसी पद के लिए ऐसे उम्मीदवार को नामित करना जो उसके लायक है भी या नहीं। एक नया मामला सामने आया है जिसपर अब विभागीय मंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं। दरअसल, रिम्स के चिकित्सा उपाधीक्षक पद पर 2019 में कर्नल डॉ. शैलेश त्रिपाठी का चयन हुआ था। कुछ समय पूर्व शासी परिषद की बैठक में अतिरिक्त प्रशासनिक कार्याें का हवाला देकर निदेशक ने अपर चिकित्सा अधीक्षक का पद तैयार कर उपाधीक्षक डॉ. शैलेश त्रिपाठी को नियुक्त दिया।
इधर, हाईकोर्ट के अधिवक्ता ने स्वास्थ्य मंत्री से इसकी शिकायत कर इस नियम विरूद्ध बताया है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि उक्त पद संस्थान के किसी वरीय चिकित्सक को प्रभार दिया जाना था। अधिवक्ता से डॉ. शैलेश त्रिपाठी पर छह बिंदुओं पर शिकायत मिलने के बाद मंत्री बन्ना गुप्ता ने मामले को गंभीर प्रवृति का बताया है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को विभागीय स्तर पर जांच करने का निर्देश दिया है।
यह भी लगाया आरोप
- उपाधीक्षक के पद पर नियुक्ति के लिए आवेदक को पांच साल का कार्यानुभव होना था, जबकि डॉ. त्रिपाठी के पास उस वक्त पांच साज का कार्यानुभव नही था।
- डॉ. त्रिपाठी द्वारा सिंडीकेट कर सन फैसिलिटी (आउटसोर्सिंग एजेंसी) को काम दिलाने के लिए 2019 के निविदा को बाद में लागू करवाया फिर उसे धीरे-धीरे अतिरिक्त कार्य का आवंटन किया जाता रहा।
- शासी परिषद के अध्यक्ष के निर्देश के बावजूद भी आयुष्मान मित्र व अन्य को आउटसोर्स पर लेने के निर्णय को लागू नही कर सन फैसिसिली को फायदा पहुंचाया जा रहा है।
- डायट में अनियमितता पकड़े जाने के बावजूद उसका अवधि विस्तार दिलाने में इनकी सहभागिता रही है, जबकि विभाग द्वारा बार-बार नई निविदा का निर्देश दिया जा रहा है।
- डायट में इनके द्वारा खुद गुणवता प्रमाण दिया जाता है और उसके एवज मोटी राशि ली जाती है।
इतनी मेहरबानी क्यों? उपाधीक्षक को न सिर्फ अपर अधीक्षक, बल्कि हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन का हेड भी बनाया गया
रिम्स प्रबंधन की कार्यशैली पर भी बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा हो रहा है कि अखिर डॉ. शैलेश त्रिपाठी पर ही इतनी मेहरबानी क्यों? चिकित्सा अधीक्षक पद पर नियुक्त डॉ. शैलेश त्रिपाठी को निदेशक ने अपर चिकित्सा अधीक्षक नामित किया गया। इसके बाद अप्रैल 2023 में रिम्स में हॉस्पिटल मैनेजमेंट कोर्स शुरू करने पर सहमति मिली थी। तब डॉ. शैलेश त्रिपाठी को हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटिव के सफल संचालन के लिए प्रोग्राम इंचार्ज बनाया गया था। अगस्त 2024 को इन्हें इंचार्ज से सीधा डिपार्टमेंट ऑफ हाॅस्पिटल एडमिमिस्ट्रेशन का हेड बना दिया गया।
प्रबंधन ने कहा…
इस मामले से संदर्भ में अभी विभाग से जानकारी नही मिली है। यदि विभाग से कोई निर्देश प्राप्त होता है तो उसके आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी। -डॉ राजीव रंजन, पीआरओ रिम्स।