Samachar Post, हजारीबाग : हजारीबाग के एक हॉस्पिटल में चौकाने वाला मामला सामने आया। एक महिला की डिलीवरी के क्रम में नवजात का सिर धड़ से अलग हो गया। नवजात मृत पैदा हुआ। प्रसव के दौरान प्रसूता की भी स्थिति काफी खराब हो गई थीह, जिसे काफी मुश्किल से बचाया जा सका।परिजन जब बच्चे को देखने के लिए जिद करने लगे तो आनन-फानन में अस्पताल कर्मियों ने नवजात के शव को कपड़े में लपेटकर परिजनों को दे दिया। परिजनों ने जैसे ही बच्चे को गोद में लिया, उसका सिर नीचे गिर गया और धड़ हाथ में ही रह गया। इसके बाद महिला के परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया।
2 अप्रैल की है घटना, अस्पताल प्रबंधन बोला- जन्म से पहले ही हो गई थी बच्चे की मौत
परिजन बच्चे को उसी हालत में अंतिम संस्कार के लिए घर लेकर चले गए। ये घटना बीते 2 अप्रैल की है। हजारीबाग के शेख बिहारी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों पर प्रसूता के परिजनों ने लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं। इधर इस मामले में अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि प्रसूता जब अस्पताल पहुंची थी, उससे पहले की उसका बच्चा मर चुका था। हालांकि, परिजनों की ओर से इस मामले में किसी तरह का कानूनी कदम नहीं उठाया गया है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, शेख बिहारी मेडिकल कॉलेज हजारीबाग में दो अप्रैल को जिले के दारू बासोबार गांव की एक दिव्यांग महिला निशा कुमारी प्रसव के लिए अस्पताल पहुंची थीं। जहां नर्सो ने प्रारंभिक जांच कर नॉर्मल डिलीवरी की बात कही। इसके बाद उसे प्रसूता रूम में ले जाया गया। परिजनों का आरोप है कि जहां प्रसव के दौरान बच्चे का धड़ बाहर आ गया, जबकि सिर अंदर ही रह गया। इसके बाद प्रसूता को आनन-फानन में दूसरे फ्लोर पर ले जाया गया, जहां बच्चे के सिर को पेट से निकाला गया। परिजनों के अनुसार, उन्हें कमरे में जाने नहीं दिया गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जब परिजन बच्चे को देखने की जिद करने लगे तो बच्चे का धड़ और सिर एक कपड़े में लपेट कर ला कर दे दिया गया।