Samachar Post रिपोर्टर, रांची :देशभर में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) ने बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बिहार के बाद अब उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल सहित 9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में यह अभियान तेज़ चल रहा है, लेकिन जमीनी स्तर पर हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। 4 नवंबर से शुरू हुई इस प्रक्रिया के तहत 321 जिलों और 843 विधानसभा क्षेत्रों में 51 करोड़ से अधिक मतदाताओं की जांच होनी है। करीब 5.3 लाख BLO घर–घर जाकर डेटा अपडेट कर रहे हैं, लेकिन उसी सिस्टम के दबाव में वे नोटिस, निलंबन, FIR और इस्तीफों का सामना कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें :पेट्रोलिंग के दौरान ट्रेन की चपेट में आए ट्रैक मेंटेनर, मौत
काम का दबाव और मौतों का सिलसिला
बीबीसी हिंदी की रिपोर्ट के मुताबिक, विभिन्न राज्यों में BLO की मौतें अब राजनीतिक बहस का मुद्दा बन चुकी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में करीब 15 मौतों को SIR के तनाव से जोड़कर देखा गया है, जिनमें कई आत्महत्या के मामले शामिल बताए जाते हैं।
हालांकि बीबीसी इन मौतों की स्वतंत्र पुष्टि नहीं कर सका है।
UP में FIR की बरसात- 60 से ज्यादा कर्मचारी नामजद
नोएडा, बहराइच और बरेली में लापरवाही के आरोप में दर्जनों BLO और कर्मचारियों पर FIR दर्ज हुई है। नोएडा में अकेले 60 से अधिक BLO, सहायकों और सुपरवाइज़र्स को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 32 में नामजद किया गया है। चार मुकदमे दादरी, जेवर और इकोटेक फेज-1 थानों में दर्ज हुए हैं। बीबीसी ने FIR की कॉपी भी देखी है।
हम टूट रहे हैं- BLO की पीड़ा
कर्मचारी काम के बोझ को असहनीय बता रहे हैं। छुट्टियां मंज़ूर नहीं हो रहीं और स्वास्थ्य समस्याओं की अनदेखी की शिकायतें बढ़ रही हैं। एक महिला BLO का बयान तबीयत खराब थी, छुट्टी मांगी लेकिन मिली नहीं। दूसरी शिक्षिका को लगाया गया फिर भी मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया गया। नोएडा की शिक्षिका पिंकी सिरोही ने दबाव के कारण इस्तीफा भेजा, पर स्वीकार नहीं हुआ। उनका कहना है 1179 में से 215 मतदाताओं का डेटा अपडेट कर चुकी हूं। रोज़ बूथ पर हूं, लेकिन समाधान कोई नहीं।
टीचर्स यूनियन का आरोप ये मानसिक शोषण
शिक्षक संघों के अनुसार ग्रामीण इलाकों से SIR फॉर्म वापस नहीं मिल रहे और ऐप सही से काम नहीं कर रहा। आधी रात तक OTP भेजकर अपडेट का दबाव बनाया जा रहा है। टीचर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष मेघराज भाटी ने कहा रात 12 बजे तक डेटा अपलोड सामान्य हो गया है। इस्तीफा देने वालों को FIR मिल रही है। यह शिक्षक समुदाय का अपमान है। संघ ने FIR झेल रहे शिक्षकों को कानूनी सहायता देने की घोषणा की है।
प्रशासन चुप, चुनाव आयोग भी खामोश
बीबीसी ने नोएडा की जिलाधिकारी से प्रतिक्रिया मांगी, लेकिन सिर्फ इतना कहा गया कि कार्रवाई चुनाव आयोग के निर्देशों पर आधारित है। वहीं, चुनाव आयोग ने अब तक मौतों, दबाव या BLO की सुरक्षा पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है। ईमेल पर जवाब का इंतज़ार जारी है।
Reporter | Samachar Post