Samachar Post रिपोर्टर,धनबाद :धनबाद स्थित सीबीआई यूनिट को BCCL अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई में बड़ा झटका लगा है। वर्ष 2019 में दर्ज 13.50 करोड़ रुपये के कथित घोटाले के मामले में CBI ने छह BCCL अधिकारियों, एक निजी कंपनी AT-Devprabha Pvt. Ltd., और कंपनी से जुड़े लाल बहादुर सिंह व कुंभनाथ सिंह को आरोपी बनाया था। लेकिन कोल इंडिया (CIL) ने BCCL अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति देने से इंकार कर दिया, जिसके बाद CBI केवल एक आरोपी कुंभनाथ सिंह के खिलाफ ही चार्जशीट दायर कर सकी।
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2019 में दर्ज हुई थी 13.50 करोड़ रुपये की कथित हेराफेरी की FIR
CBI धनबाद ने FIR नंबर RC7A/2019-D दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि BCCL के अधिकारियों ने निजी कंपनी AT-Devprabha के साथ मिलकर भारी मशीनरी किराये पर लेने, ओवरबर्डन हटाने और जीनागोरा कोलियरी से 107.21 लाख MT कोयले के ट्रांसपोर्टेशन में अनियमितताएँ कीं। कंपनी को इन कार्यों के लिए कुल 452.17 करोड़ रुपये का भुगतान निर्धारित था।
कोयले की कमी सामने आने पर बढ़ी संदेह
CIL की जांच टीम ने स्टॉक रजिस्टर में 2,21,477 MT कोयला दर्ज पाया, लेकिन भौतिक सत्यापन में केवल 1,59,721 MT कोयला मिला। यानी 61,756 MT कोयला कम पाया गया, जिसकी कीमत 13.50 करोड़ रुपये आंकी गई। BCCL अधिकारियों ने जांच पर आपत्ति भी दर्ज की थी, लेकिन CMPDI की गहन जांच में उनकी आपत्तियाँ खारिज कर दी गईं।
CBI ने पाया आरोप सही, लेकिन स्वीकृति न मिलने से कार्रवाई रुकी
CBI ने जांच पूरी कर BCCL अधिकारियों को दोषी माना और उनके खिलाफ अभियोजन अनुमति मांगी। लेकिन Coal India ने स्वीकृति नहीं दी। इस कारण CBI केवल कुंभनाथ सिंह के खिलाफ ही चार्जशीट दायर कर पाई। यह पूरा मामला धनबाद स्थित CBI विशेष न्यायाधीश की अदालत में विचाराधीन है, जहां आगे की सुनवाई जारी है।
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