Samachar Post रिपोर्टर, रांची :झारखंड में इस साल ठंड ने समय से पहले दस्तक दे दी है। हिमालयी क्षेत्रों में लगातार हो रही बर्फबारी का असर अब राज्य में साफ तौर पर दिखने लगा है। नवंबर की शुरुआत से ही कंपकंपी बढ़ गई है और कई जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे रिकॉर्ड किया गया है।
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मैक्लुस्कीगंज में सबसे ज्यादा ठंड, तापमान 6 डिग्री तक गिरा
राजधानी रांची के आसपास के इलाके इस बार ठंड से ज्यादा प्रभावित हैं। मैक्लुस्कीगंज में लगातार दूसरे दिन न्यूनतम तापमान 6°C दर्ज हुआ, जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मौसम विभाग, रांची ने बताया कि ठंड इस बार सामान्य समय से करीब एक महीना पहले आ गई है।
11 जिलों में शीतलहर की चेतावनी, येलो अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने गढ़वा, पलामू, चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, रांची, खूंटी, सिमडेगा, गुमला, लातेहार और लोहरदगा में शीतलहर के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। तेजी से गिरते पारे का असर सबसे ज्यादा, स्कूल जाने वाले बच्चों,बुजुर्गों, और सुबह-शाम बाहर रहने वालों पर पड़ रहा है। ग्रामीण इलाकों में कोहरा और धुंध बढ़ने से दृश्यता भी कम हो गई है।
17 नवंबर तक जारी रहेगी शीतलहर, 18 से मिलेगी हल्की राहत
मौसम विभाग के अनुसार 17 नवंबर तक तापमान में ज्यादा बदलाव नहीं होगा। शीतलहर जारी रह सकती है। 18 नवंबर से न्यूनतम तापमान में करीब 3°C की बढ़त की उम्मीद है। तेज ठंड के बीच अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या बढ़ गई है। सदर अस्पताल के डॉ. विकास के मुताबिक, ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों में 30% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। रिम्स में भी रोजाना 6–7 नए मरीज भर्ती हो रहे हैं।
मौसम विशेषज्ञ: ठंड जल्दी आई, आगे भी उतार-चढ़ाव जारी रहेगा
मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि पहाड़ों में बर्फबारी की वजह से झारखंड में ठंड ने एक महीने पहले एंट्री कर ली है। अगले 3–4 दिनों में मामूली राहत मिलेगी, लेकिन इसके बाद पारा फिर नीचे गिर सकता है। कंबल वितरण में देरी, गरीबों की मुश्किलें बढ़ीं। ठंड बढ़ने के बावजूद गरीबों के लिए कंबल वितरण की प्रक्रिया धीमी है। रांची में 81,297 कंबल खरीदने का लक्ष्य, लेकिन टेंडर अभी तक जारी नहीं। राज्य भर में 9,20,245 कंबल खरीदने का निर्देश दिया है। इसके लिए 30 करोड़ रुपए का बजट तय किया गया है। सभी डीसी को 15 दिसंबर तक वितरण पूरा करने का लक्ष्य, लेकिन टेंडर प्रक्रिया में ही 15 दिन लग सकते हैं। कड़ाके की ठंड में यह देरी गरीबों के लिए बड़ा संकट बन सकती है।
Reporter | Samachar Post