Samachar Post रिपोर्टर,रांची :महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत चल रही योजनाओं की निगरानी अब और सटीक और पारदर्शी होगी। झारखंड सरकार ने अब प्रत्येक योजना स्थल का Latitude और Longitude (जियो टैगिंग) अनिवार्य कर दिया है। इस फैसले का उद्देश्य मनरेगा योजनाओं के सामाजिक अंकेक्षण को तकनीकी रूप से सशक्त बनाना और मैदानी स्तर पर जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
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सभी जिलों को जारी किए गए निर्देश
महात्मा गांधी नरेगा, झारखंड के आयुक्त कार्यालय की ओर से सभी उप विकास आयुक्त-सह-जिला कार्यक्रम समन्वयक और कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देश भेजे गए हैं। पत्र में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2025–26 में जिन योजनाओं के सामाजिक अंकेक्षण के लिए संख्या दी गई है, उनमें कई परियोजनाओं के भौगोलिक निर्देशांक दर्ज नहीं हैं। इस वजह से ऑडिट टीमों को योजनाओं के वास्तविक स्थल की पहचान में कठिनाई हो रही थी।
अब हर योजना का जियो टैगिंग जरूरी
आयुक्त ने निर्देश दिया है कि मनरेगा की सभी योजनाओं के Latitude और Longitude डेटा शीघ्र अंकित कर अपलोड किए जाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जिम्मेदार कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पारदर्शिता और जवाबदेही में होगी बढ़ोतरी
यह कदम मनरेगा योजनाओं के पारदर्शी क्रियान्वयन की दिशा में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है। अब हर परियोजना स्थल का जियो टैग्ड डेटा उपलब्ध होने से न केवल मैदानी सत्यापन आसान होगा, बल्कि योजनाओं की वित्तीय और भौगोलिक पारदर्शिता भी सुनिश्चित की जा सकेगी।
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