Samachar Post रिपोर्टर,रांची :झारखंड हाई कोर्ट ने विधायक निधि (MLA Fund) में कथित अनियमितताओं को लेकर दायर जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले में याचिकाकर्ता विनोद चौधरी पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने की।
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किसे कितना देना होगा जुर्माना?
हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार 1 लाख रुपये तत्कालीन विश्रामपुर विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी को दिए जाएंगे। 1 लाख रुपये झारखंड हाई कोर्ट एडवोकेट क्लर्क वेलफेयर फंड में जमा होंगे। जुर्माने की राशि 3 महीने के भीतर जमा करने का निर्देश दिया गया है।
कोर्ट ने क्यों खारिज की याचिका?
सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि याचिकाकर्ता ने एक आपराधिक मामले (घोटाला और जालसाजी) को छिपाया था, जो PIL दाखिल करने के समय लंबित था। हालांकि बाद में उसे उस मामले में अदालत से बरी कर दिया गया था। याचिकाकर्ता MLA का राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी था और यह याचिका व्यक्तिगत दुश्मनी से प्रेरित थी। जनहित याचिका का इस्तेमाल निजी हित साधने के लिए किया गया, जो न्यायालय के सिद्धांतों के खिलाफ है।
PIL के दुरुपयोग पर कोर्ट की सख्त टिप्पणी
अदालत ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि PIL दाखिल करने वाले व्यक्ति की छवि स्वच्छ और नीयत निष्कलंक होनी चाहिए। ऐसी “फर्जी जनहित याचिकाएं” अदालत का समय बर्बाद करती हैं और वर्षों से लंबित वास्तविक जनहित मामलों की सुनवाई को बाधित करती हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि जनहित याचिका का उद्देश्य गरीबों और वंचितों के अधिकारों की रक्षा करना है, निजी या राजनीतिक प्रतिशोध नहीं। न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया कि जनहित याचिकाओं का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसे राजनीतिक हथियार या व्यक्तिगत झगड़े निपटाने का साधन बनाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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