Samachar Post रिपोर्टर, रांची: देश की प्रमुख कोयला खनन कंपनी सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) में भ्रष्टाचार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। पिछले एक वर्ष में CBI ने ऐसे 7 बड़े मामले उजागर किए हैं, जिनमें कर्मचारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया। इन घटनाओं ने CCL की साख पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। CBI की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB), रांची की जांच के अनुसार, पिछले 12 महीनों में CCL से जुड़े हर दूसरे महीने एक रिश्वत या अवैध लेन-देन का मामला सामने आया है। मामलों की प्रकृति विभिन्न है अनुकंपा नियुक्ति, सेवानिवृत्ति का निपटान, कोयला उठाव की अनुमति आदि के नाम पर रिश्वत की मांग की गई।
CBI ने तेज़ की कार्रवाई, कई गिरफ्तार
इन मामलों में CBI ने कई बार औचक निरीक्षण कर अधिकारियों और कर्मचारियों को रंगे हाथ घूस लेते पकड़ा। एक साल में सामने आए प्रमुख मामले, 06 नवंबर 2025, CCL के एक अधिकारी को 50 हजार रुपये घूस लेते गिरफ्तार किया गया। कार्रवाई NK Area के डकरा परियोजना कार्यालय, खलारी में हुई। 13 मई 2025, सेफ्टी ऑफिसर राजेंद्र प्रसाद 10 हजार रुपये घूस लेते गिरफ्तार। सिरका कोलियरी में पदस्थापित थे। 10 मई 2025, दो कर्मचारी रमेश यादव और लोकेश कुमार 30 हजार रुपये लेते पकड़े गए। सेवानिवृत्ति से जुड़े मामले में घूस की मांग। 06 मार्च 2025, गिद्दी-ए और अरगड्डा कोलियरी में CBI के निरीक्षण में 10 लाख रुपये के अवैध लेन-देन के सबूत मिले। 08 अक्टूबर 2024, कैथारा वाशरी के क्लर्क सुरेश ठाकुर को घूस लेते गिरफ्तार। सेवानिवृत्त कर्मी से बकाया भुगतान के बदले रिश्वत की मांग। 19 मार्च 2024, आम्रपाली और मगध कोल परियोजना में कैंटीन मैनेजर अशोक राम और J.E. रामभज्जू ठेकेदार से रिश्वत लेते गिरफ्तार। 03–04 अप्रैल 2024, डिस्पैच अधिकारी सहित दो लोगों को 50 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा गया। प्रति टन 8 रुपये की अवैध वसूली का खुलासा। आरोपी सुधांशु कुमार शर्मा और क्लर्क जीतेन गंझू।
यह भी पढ़ें: मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण की तैयारी की समीक्षा
CBI की निगरानी बढ़ी
लगातार हो रहे खुलासों के बाद CBI ने CCL के कई क्षेत्रों की निगरानी बढ़ा दी है। जांच एजेंसी का मानना है कि ये प्रकरण सिस्टम में गहरे स्तर पर फैले भ्रष्टाचार की ओर इशारा करते हैं।
Reporter | Samachar Post
मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।