रिम्स निदेशक ने मुख्य सचिव एल ख्यांग्ते और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के साथ की बैठक, फैकल्टी की पदोन्नति, रिक्त पदों पर नियुक्ति को लेकर भी हुई चर्चा
Samachar Post, रांची : रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार ने मंगलवार को करीब 4 घंटे प्रोजेक्ट भवन में मुख्य सचिव एल ख्यांग्ते, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह और जेएसबीसीसीएल के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में रिम्स आईपीडी के नवीनीकरण, नए ओपीडी भवन के निर्माण और रिम्स की 8 अन्य भवनों की मरम्मती, फैकल्टी की पदोन्नति, रिक्त पदों पर नियुक्ति के संबंध में गंभीरता से चर्चा की गई। डायरेक्टर डॉ. राजकुमार ने बताया कि डीआईजी ग्राउंड में जो रिम्स का ओपीडी कॉम्पलेक्स बनना है, पहले यहां बाउंड्री कर अतिक्रमण को हटाए जाने का निर्देश प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द बाउंड्री का काम शुरू किया जाएगा, साथ ही डीआईजी ग्राउंड में बनने वाले ओपीडी भवन को रिम्स के मुख्य भवन से जोड़ने के लिए ट्रॉमा सेंटर के बगल से अंडर-पास रास्ता बनाने पर भी सहमति बनी है। बाउंड्री भी 8 से 9 फीट ऊंची और तारों से घिरी होगी, ताकि दोबारा लोग अतिक्रमण न कर सकें। ओपीडी कॉम्पलेक्स के साथ-साथ पूराने भवन के वार्डों में जहां-जहां जरूरत है वहां जल्दी मरम्मत कार्य कराने का भी निर्देश मिला है।
पुरानी बिल्डिंग में जब भी राउंड पर जाता हूं अच्छा महसूस नही होता
निदेशक ने कहा कि रिम्स की पुरानी आईपीडी भवन 60 वार्डों की है। लेकिन एक भी वार्ड व्यवस्थित नही है। जब भी निरीक्षण या राउंड के लिए पुराने भवन में जाता हूं बिल्कुल भी अच्छा महसूस नही होता। इसलिए बैठक में मुख्य सचिव से निर्देश मिला है कि भवन को अपने स्तर पर देखकर जहां-जहां मरम्मत की जरूरत है, वहां मरम्मत कराई जाएगी। भवन को ऐसा किया जाए कि कम से कम इसकी लाइफ 15 साल तक बढ़ जाए। इसके बाद नई आईपीडी कॉम्पलेक्स बनाकर इसे वहां शिफ्ट किया जा सकेगा।
प्रमोशन पर जीबी में होगा निर्णय
डॉ. राजकुमार ने कहा कि बैठक के दौरान डॉक्टरों की प्रोन्नति के बारे पर भी विस्तार से चर्चा हुई। हालांकि इस मामले को जीबी की बैठक में लेकर जाने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा निदेशक ने कहा कि रिम्स में मैनपावर की कमी की समस्या बड़ी है। अचार सहिंता के बाद सबसे पहले बड़े पैमाने पर रिक्त पदों पर नियुक्तियां की जाएगी।