- देश का सबसे बड़ा माओवादी आत्मसमर्पण
Samachar Post डेस्क, रांची : छत्तीसगढ़ में माओवादी संगठन अब लगभग बिखर चुके हैं। सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई और सरकार की कड़ी नीति के चलते नक्सली आत्मसमर्पण की ओर बढ़ रहे हैं। 17 अक्टूबर को जगदलपुर में अब तक का सबसे बड़ा माओवादी सरेंडर होने जा रहा है। माओवादी प्रवक्ता और स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्य रूपेश उर्फ सतीश उर्फ आसन्ना, अपने लगभग 120 साथियों के साथ हथियार डालेंगे। जगदलपुर में कुल 200 से ज्यादा नक्सलियों के आत्मसमर्पण की संभावना जताई जा रही है।
हाल के आत्मसमर्पण की जानकारी
सुकमा जिले में 27 नक्सली, कांकेर जिले के कोयलीबेडा में 50 से ज्यादा नक्सली, जिसमें टॉप लीडर राजू सलाम शामिल गुरुवार को 120 नक्सली ने जगदलपुर में आत्मसमर्पण किया, कुल आंकड़ा 170 के पार सुरक्षा और प्रशासन के लिए यह एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
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सुरक्षा व्यवस्था और सरेंडर प्रक्रिया
स्थानीय पुलिस ने रूपेश और उनके साथियों को सुरक्षित जगदलपुर लाया। 70 से अधिक नक्सली अपने हथियारों के साथ सरेंडर करेंगे। इसके लिए स्पेशल कॉरिडोर और कड़ी सुरक्षा सुनिश्चित की गई। रूपेश, जो माड़ डिवीजन की स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य है, पर लाखों रुपये का इनाम घोषित था। उनके साथ सरेंडर करने वाले कई नक्सली लंबे समय से सुरक्षाबलों की हिट लिस्ट में शामिल थे।
रूपेश की शांति की पेशकश
कुछ समय पहले रूपेश ने प्रेस नोट जारी कर शांतिवार्ता की पेशकश की थी। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की थी कि नक्सल विरोधी अभियान को छह महीने के लिए रोका जाए। सरकार ने स्पष्ट कहा कि गोली और बोली एक साथ नहीं चल सकती। इस सरेंडर के साथ ही छत्तीसगढ़ में लाल आतंक का सामूहिक कमजोर होना स्पष्ट हो गया है। सुरक्षा एजेंसियां अब इस मौके का उपयोग मुख्यधारा में लौटने वाले नक्सलियों के पुनर्वास और स्थिरता कायम करने में कर रही हैं।
Reporter | Samachar Post
मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।