Samachar Post रिपोर्टर, रांची :सारंडा जंगल के गिडुंग क्षेत्र में IED विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हथिनी ने रविवार तड़के दम तोड़ दिया। वन विभाग के सूत्रों के अनुसार, हथिनी की मौत सुबह करीब डेढ़ से दो बजे के बीच हुई। इसके पहले उसने फल और सब्जियां खाई थीं, लेकिन उपचार के दौरान उसकी स्थिति लगातार नाजुक बनी रही।
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गंभीर घायल हथिनी की अंतिम घड़ी
वन्यजीव विशेषज्ञ और वन विभाग की टीम शनिवार से हथिनी की स्थिति पर नजर रखे हुए थे। रविवार सुबह जब निगरानी टीम मौके पर पहुंची, तो हथिनी मृत पाई गई। इसके बाद जंगल में ही पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की गई।
इलाज और निगरानी
हथिनी का इलाज गुजरात से आई वनतारा टीम के विशेषज्ञों की देखरेख में चल रहा था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के वास्तविक कारणों का पता चलेगा।
सारंडा में IED विस्फोटों का खतरा
सारंडा का यह क्षेत्र नक्सलियों की गतिविधियों के लिए जाना जाता है। सुरक्षा बलों को निशाना बनाने वाले IED विस्फोटक निर्दोष वन्यजीवों के लिए भी खतरा बन गए हैं। वन विभाग के अनुसार, इस विस्फोट में अब तक तीन हाथियों की मौत हो चुकी है।
वन्यजीव सुरक्षा की आवश्यकता
वन विभाग ने कहा कि सारंडा में जानवरों की सुरक्षा के लिए व्यापक कार्ययोजना की सख्त जरूरत है। टीम आगे की कार्रवाई और मामले की गहन जांच में जुटी हुई है। सारंडा के जंगलों में नक्सली IED विस्फोट अब सिर्फ मानव सुरक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि वन्यजीवों के जीवन के लिए भी गंभीर खतरा बन चुके हैं।
Reporter | Samachar Post