- नए नियमों के तहत सभी निजी स्कूलों को मान्यता लेना अनिवार्य
Samachar Post रिपोर्टर, रांची : झारखंड सरकार ने झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद “निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार” नियमावली में संशोधन किया है। इसके तहत अब राज्य में सभी निजी स्कूलों को मान्यता प्राप्त करना अनिवार्य होगा। राज्य में करीब 45,000 निजी स्कूल बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं, जो शहरी और ग्रामीण इलाकों में गरीब बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। लेकिन अब उन्हें सरकारी मान्यता लेना पड़ेगा, नहीं तो संचालन पर रोक लग सकती है।
मान्यता लेने में स्कूलों को आ रही चुनौतियां
नए नियमों के तहत कई शर्तें लगाई गई हैं, जो खासकर छोटे स्कूलों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रही हैं। जमीन की शर्त, ग्रामीण क्षेत्र में मिडिल स्कूल के लिए कम से कम 1 एकड़ और शहरी क्षेत्र में 75 डिसमिल जमीन होना आवश्यक है। लीज की समस्या: स्कूल की जमीन कम से कम 30 साल के लिए रजिस्टर्ड या लीज पर होनी चाहिए, लेकिन झारखंड में लागू CNT और SPT एक्ट के तहत आदिवासी जमीन पर केवल 5 साल की लीज ही दी जा सकती है। यू-डाइस कोड: कई स्कूलों के पास अभी तक UDISE कोड नहीं है, जो मान्यता प्रक्रिया के लिए जरूरी है।
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स्कूल एसोसिएशन की प्रमुख मांगें
झारखंड प्राइवेट स्कूल एंड वेलफेयर एसोसिएशन ने सरकार के सामने मान्यता प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कुछ अहम मांगें रखी हैं, जमीन की अनिवार्यता हटाकर मान्यता स्कूल की संरचना, कमरे का आकार और छात्र संख्या के आधार पर दी जाए। CNT और SPT एक्ट के तहत आने वाली जमीनों के लिए उपायुक्त के माध्यम से 30 साल की लीज का प्रावधान किया जाए। कक्षा के कमरे का आकार छात्र संख्या के अनुसार निर्धारित किया जाए। जिन स्कूलों को अभी तक UDISE कोड नहीं मिला है, उन्हें जल्द कोड जारी किया जाए।
राज्य शिक्षा विभाग का निर्देश
राज्य शिक्षा विभाग ने सभी निजी स्कूलों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द ऑनलाइन आवेदन कर मान्यता प्रक्रिया पूरी करें। विभाग ने चेताया है कि बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
Reporter | Samachar Post
मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।