Samachar Post रिपोर्टर, धनबाद : झारखंड हाई कोर्ट ने धनबाद में वायु प्रदूषण के मामले में बीसीसीएल (Bharat Coking Coal Limited) को धनबाद नगर निगम को फंड उपलब्ध कराने के मुद्दे पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। धनबाद नगर निगम की ओर से कोर्ट में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया था जिसमें कहा गया कि बीसीसीएल का क्षेत्र धनबाद नगर निगम के अंतर्गत आता है, लेकिन वायु प्रदूषण रोकने और साफ-सफाई के लिए बीसीसीएल की ओर से कोई राशि आवंटित नहीं की जा रही है। इसके कारण नगर निगम को फंड की कमी का सामना करना पड़ रहा है। नगर निगम और बीसीसीएल के बीच यह मामला हाई कोर्ट में लंबित है और अदालत ने इसे शीघ्र निपटाने की आवश्यकता जताई है।
हाई कोर्ट का आदेश
चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बीसीसीएल को फंड उपलब्ध कराने के संदर्भ में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई 17 नवंबर 2025 को तय की गई है।
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झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट
झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कोर्ट में शपथ पत्र दाखिल करते हुए जुलाई 2025 के आंकड़े पेश किए। इसमें बताया गया कि धनबाद में वायु प्रदूषण पहले की तुलना में कम हुआ है। बोर्ड ने कोर्ट से और समय मांगा ताकि वे और अद्यतन जानकारी प्रस्तुत कर सकें।
ग्रामीण एकता मंच की याचिका
ग्रामीण एकता मंच ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि नगर निगम वायु प्रदूषण रोकने में प्रभावी कदम नहीं उठा रहा है। याचिकाकर्ता का कहना है कि प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है और नगर निगम की कार्रवाई केवल कागजों तक सीमित है।
बीसीसीएल की प्रतिक्रिया
बीसीसीएल ने अपनी सफाई में कहा कि कोयले की ढुलाई को ढककर किया जा रहा है, समय-समय पर पानी का छिड़काव किया जाता है और साफ-सफाई पर ध्यान दिया जाता है। साथ ही, उन्होंने कहा कि प्रदूषण की मॉनिटरिंग नियमित रूप से होती है। इस मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी, जब बीसीसीएल अपना जवाब अदालत में प्रस्तुत करेगा और प्रदूषण रोकने के लिए उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी कोर्ट को दी जाएगी।
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मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।