
ई-टेंडर को लेकर 22 मई को होगी प्री-बीड बैठक, 28 मई को टेंडर भरने की आखिरी तिथि, टेंडर फाइनल होने के बाद 2 माह के भीतर हैंडओवर करना होगा कैथ लैब
Samachar Post, रांची : राजधानी के सदर अस्पताल में रोगियों को लगातार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। करीब 8 माह से सदर अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग संचालित है, जहां हर महीने हजारों रोगियों को दिल संबंधित बीमारियों का उपचार मिल रहा है। इस को एक कड़ी और बढ़ाते हुए अस्पताल प्रबंधन द्वारा कैथलैब भी सेटअप किया जा रहा है। ताकि सदर अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को हृदय की सभी तरह की बीमारी का इलाज मिल सके। सदर अस्पताल में कैथलैब लगाने के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। करीब 8 करोड़ की राशि से कैथ लैब तैयार कराया जाना है। सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार के अनुसार, ई-टेंडर को लेकर 22 मई को प्री-बीड बैठक रखी गई है। जबकि टेंडर भरने की अंतिम तिथि 28 मई निर्धारित की गई है। टेंडर में यह भी शर्त रखी गई है कि चयनीत एजेंसी को 60 दिन के भीतर कैथलैब तैयार कर प्रबंधन को साैंपना होगा। अब देखना यह होगा कि टेंडर में कितनी एजेंसी रुचि लेती है और टेंडर फाइलन होने के बाद कितने दिनों में कैथलैब पूरा होता है।
मरीजों को एंजियोग्राफी व एंजियोप्लास्टी जैसी सुविधाएं आसानी से मिल सकेगी
सदर अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग में डीएम कार्डियोलॉजी डॉ. राजेश कुमार झा, डॉ. अमित चतुर्वेदी, डॉ. धनंजय कुमार सिंह और डॉ. साकेत सोनी अपनी सेवा दे रहे हैं। सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार के अनुसार, कैथ लैब शुरू हो जाने के बाद सदर अस्पताल में ही दिल के मरीजों की एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, पेस मेकर लगाने जैसी सुविधा सदर अस्पताल में ही मिलने लगेगी। कैथलैब या कैथीटेराइजेशन लैबोरेटरी एक विशेष प्रकार की प्रयोगशाला है जो कार्डियोलॉजी में इस्तेमाल होती है। यह एक ऐसे अस्पताल विभाग में स्थित होती है जहां हृदय संबंधी समस्याओं के निदान और इलाज के लिए विशेष उपकरण और तकनीकें उपलब्ध होती हैं।
बीपीएल और आयुष्मान के मरीजों को निशुल्क सुविधा
डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि राज्य के बीपीएल और आयुष्मान भारत योजना से आच्छादित मरीजों को सभी सुविधाएं निशुल्क प्रदान की जाएगी। जबकि अन्य सामान्य मरीजों को भी नॉमिनल चार्ज पर सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जो निजी अस्पतालों से बेहद कम होगी।
रिम्स के बाद सदर अस्पताल में भी कैथ लैब
रिम्स के बाद सदर अस्पताल, राजधानी का दूसरा ऐसा सरकारी संस्थान होगा जहां कैथ लैब के साथ दिल की मरीजों का इलाज होगा। राजधानी रांची में अभी तक रिम्स ही एक मात्र सरकारी अस्पताल है जहां कार्डियोलॉजी और कार्डियो थोरेसिक सर्जरी का पूरा विभाग संचालित है। रिम्स में अत्याधुनिक ओटी के साथ-साथ एडवांस सुविधाओं से लैस कैथ लैब भी है। अब रांची का सदर अस्पताल दूसरा ऐसा सरकारी संस्थान बन जाएगा जहां दिल के मरीजों का अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ इलाज संभव हो सकेगा। सदर अस्पताल में यह सुविधा शुरू होने से रिम्स पर मरीजों का दबाव कम हो जाएगा।
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