Samachar Post रिपोर्टर, रांची :ऑल इंडिया ऑर्गेनाईजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (AIOCD), मुंबई और जेसीडीए, राँची ने जीएसटी दरों में हालिया बदलाव के कारण छोटे दवा विक्रेताओं को हो रहे आर्थिक नुकसान के मद्देनजर सरकार से राहत की मांग की है। संगठन ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ज्ञापन भेजकर तत्काल कदम उठाने का अनुरोध किया है।
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छोटे विक्रेताओं की स्थिति गंभीर
AIOCD के अध्यक्ष जे. एस. शिंदे और सचिव राजीव सिंघल ने बताया कि जीएसटी दरों में कटौती (18% से 5%, 12% से 0%, 12% से 5%) उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी साबित हुई है, लेकिन छोटे व्यापारियों की आर्थिक स्थिति गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। कई अनरजिस्टर्ड या कम्पोजिट डीलर उच्च जीएसटी दर पर खरीदा गया स्टॉक अब कम कीमत पर बेचने को मजबूर हैं, जिससे उन्हें अपरिहार्य नुकसान हो रहा है।
इनपुट टैक्स क्रेडिट का अभाव और मार्जिन की समस्या
अधिकांश छोटे व्यापारी जीएसटी में पंजीकृत नहीं हैं या कम्पोजिट डीलर हैं, जिससे वे इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। साथ ही, दवाओं पर NPPA द्वारा तय मार्जिन के कारण उन्हें घाटा सहना पड़ रहा है।
सरकार से मांगी गई राहत और विशेष पैकेज की आवश्यकता
AIOCD ने सुझाव दिया है कि छोटे विक्रेताओं को तीन माह तक स्टॉक पुराने MRP पर बेचने की अनुमति दी जाए। यदि आवश्यक हो तो सरकार विशेष राहत पैकेज की घोषणा करे और इस दौरान किसी भी प्रकार का उत्पीड़न या दंडात्मक कार्रवाई न हो।
ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में दवाओं की उपलब्धता पर खतरा
संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर तत्काल राहत नहीं मिली, तो कई छोटे केमिस्ट अपनी दुकानें बंद कर सकते हैं। इससे ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में दवाओं की उपलब्धता प्रभावित होगी, जो सरकार की जिम्मेदारी बन जाएगी। AIOCD और जेसीडीए ने इस ऐतिहासिक सुधार के दौरान खुदरा दवा व्यापार की रीढ़ को सुरक्षित रखने के लिए तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
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