Samachar Post डेस्क, रांची : शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन मां दुर्गा के तृतीय स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना को समर्पित है। 24 सितंबर 2025 को भक्त श्रद्धा के साथ उनकी उपासना कर रहे हैं।
मां चंद्रघंटा का स्वरूप
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां चंद्रघंटा राक्षसों का संहार कर भक्तों की रक्षा करती हैं। उनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र स्थित है, जिस कारण उन्हें ‘चंद्रघंटा’ कहा जाता है। मां अपने भक्तों के कल्याण के लिए त्रिशूल, तलवार और गदा धारण करती हैं।
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पूजा विधि
सूर्योदय से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को साफ कर मां को गंगाजल से स्नान कराएं। मां को धूप, दीप, चंदन, सिंदूर, फूल और मिठाई का भोग अर्पित करें। “ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः” मंत्र का जाप करें। अंत में मां दुर्गा की आरती और दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त : सुबह 04:35 से 05:23 बजे तक
- अमृत काल : सुबह 09:11 से 10:57 बजे तक
- विजय मुहूर्त : दोपहर 02:14 से 03:02 बजे तक
मां चंद्रघंटा का प्रिय भोग
- खीर
- दूध से बनी मिठाइयाँ
- पंचामृत
- चीनी और मिश्री
प्रिय पुष्प और रंग
- पुष्प : सफेद कमल और पीले गुलाब
- रंग : सुनहरा या पीला परिधान धारण करना शुभ
मां चंद्रघंटा के मंत्र
बीज मंत्र : ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।
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मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।