Samachar Post रिपोर्टर, रांची : आज सुबह से कुड़मी समाज के भारी संख्या में लोग मुरी रेलवे स्टेशन के ट्रैक पर जमा हो गए हैं। यह प्रदर्शन कुड़मी समाज को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग को लेकर हो रहा है।
आंदोलन के कारण रांची और झारखंड के कई जिलों में ट्रेन सेवाएं बाधित हो गई हैं। रेलवे प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए सभी प्रमुख स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ा दी है। आंदोलनकारी ट्रैक पर डटे हुए हैं और कई ट्रेनें वहीं खड़ी हैं।
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आंदोलन का इतिहास
कुड़मी समाज की यह मांग नई नहीं है। साल 2022 में पहली बार 20 सितंबर को बड़े पैमाने पर रेल रोको आंदोलन हुआ था, जो 9 दिन तक चला। इसके बाद 2023 में भी इसी तारीख को आंदोलन हुआ। चुनावों के कारण 2024 में आंदोलन स्थगित रहा था। इस बार आंदोलन फिर शुरू हुआ है और इसकी गूंज अब दिल्ली के जंतर मंतर तक पहुंच चुकी है।
प्रशासन और राजनीतिक स्थिति
फिलहाल राज्य और केंद्र सरकार के किसी भी बड़े राजनीतिक दल ने इस पर स्पष्ट रुख नहीं अपनाया है। प्रशासन पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।
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मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।