Samachar Post रिपोर्टर, रांची: केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड (CUJ) में नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह पहल राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के तहत ड्रग अवेयरनेस एंड वेलनेस नेविगेशन (DAWN) के सहयोग से हुई।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर रवि कुमार भास्कर (सिविल जज एवं सदस्य सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण), राम कुमार झा (सहायक निदेशक, औषधि नियंत्रण निदेशालय), नवीन कुमार राय (सीआईडी अधिकारी) और राकेश गोस्वामी (एनसीबी अधिकारी) मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. आरके डे ने की और डीन छात्र कल्याण अनुराग लिंडा ने विशेष संबोधन किया।
यह भी पढ़ें : जामताड़ा: मिहिजाम में दो गुटों में हिंसक संघर्ष, 3 लोग घायल
नशाखोरी के खतरे पर चेतावनी
रवि भास्कर ने छात्रों को चेताया कि झारखंड में नशाखोरी तेजी से बढ़ रही है और यह स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक जीवन के लिए हानिकारक है। उन्होंने कहा कि किसी भी कानूनी सहायता के लिए 15100 पर संपर्क किया जा सकता है। साथ ही विश्वविद्यालय परिसर में ड्रग-फ्री क्लब बनाने का सुझाव दिया।
नशीली दवाओं और सुरक्षा उपायों की जानकारी
राम कुमार झा ने बताया कि नशीली दवाओं का सेवन धीरे-धीरे निर्भरता और लत में बदल जाता है। नवीन कुमार राय ने छात्रों को सतर्क रहने की अपील की और झारखंड की टोल-फ्री हेल्पलाइन 112 की जानकारी साझा की। राकेश कुमार गोस्वामी ने राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन 1933 का परिचय दिया, जो मानसिक स्वास्थ्य सहायता और पुनर्वास सहयोग प्रदान करती है।
सोशल एक्टिविस्ट का संदेश
सोशल एक्टिविस्ट अतुल गेरा ने नशाखोरी को “मौन आतंकवाद” करार दिया और कहा कि युवाओं को ‘गेटवे ड्रग्स’ से दूरी बनानी चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन और दर्शाए गए वीडियोज़
कार्यक्रम का संचालन एनएसएस अधिकारी डॉ. रश्मि वर्मा ने किया। उन्होंने नशाखोरी और अपराध के बीच संबंध तथा स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव पर प्रकाश डाला। साथ ही नशे के गंभीर दुष्परिणामों पर आधारित वृत्तचित्र भी प्रदर्शित किया गया।
नशा मुक्ति की शपथ
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने नशा मुक्ति शपथ ली और नशे से दूर रहने तथा जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया। समापन धन्यवाद ज्ञापन डॉ. ऋषिकेश महतो (एनएसएस समन्वयक) ने किया।
Reporter | Samachar Post
मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।