Samachar Post रिपोर्टर, रांची : राज्य सरकार ने बिरसा मुंडा जू में मादा जिराफ की मौत को गंभीरता से लेते हुए जांच का आदेश दिया है। वन पर्यावरण विभाग के संयुक्त सचिव ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी एवं वन्य प्राणी प्रतिपालक) स्वयं इस मामले की जांच करेंगे और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे।
विवादों में जांच टीम
जांच की जिम्मेदारी परितोष उपाध्याय को दी गई है। वहीं, बिरसा मुंडा जू के प्रभारी निदेशक जब्बर सिंह भी उनके करीबी मित्र माने जाते हैं। यही कारण है कि जांच को लेकर अभी से संदेह जताया जा रहा है। दोनों अधिकारी हाल ही में सिंगापुर यात्रा पर भी एक साथ गए थे।
यह भी पढ़ें : रामगढ़ में बुजुर्ग दंपति को बंधक बनाकर मांगी 10 लाख की फिरौती
क्वारंटाइन नियमों के उल्लंघन पर सवाल
खबरों के अनुसार, मिष्टी नामक जिराफ को 8 अगस्त को बंगाल से रांची लाया गया था। लेकिन, नियमित 30 दिन की क्वारंटाइन अवधि पूरी होने से पहले ही 15 अगस्त को उसे आम जनता के सामने प्रदर्शित कर दिया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि यह नियमों का सीधा उल्लंघन है।
पोस्टमार्टम में चौंकाने वाला खुलासा
4 सितंबर को मिष्टी की मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि वह गर्भवती थी। हालांकि, मौत के असली कारणों की पुष्टि अभी नहीं हो सकी है।
जू प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल
मिष्टी की मौत के बाद से ही जू प्रशासन की भूमिका संदेह के घेरे में है। कई संगठनों और पशु-प्रेमियों ने इसे लापरवाही का नतीजा बताया है। अब सरकार की जांच से यह तय होगा कि मौत लापरवाही से हुई या किसी अन्य वजह से।
Reporter | Samachar Post
मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।