Samachar Post रिपोर्टर, रांची : झारखंड के बहुचर्चित कोड़ा कांड में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व मंत्री कमलेश कुमार सिंह और भानु प्रताप शाही के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के मामले पिछले 10 साल से अधिक समय से कोर्ट में लंबित हैं। केंद्रीय एजेंसियों ईडी और सीबीआई की धीमी कार्रवाई पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
जनता का गुस्सा
स्थानीय लोगों का कहना है कि छोटे मामलों में आम नागरिकों पर फौरन कार्रवाई होती है, लेकिन बड़े नेताओं के केस में सालों तक सुनवाई लटक जाती है। इससे न्याय प्रणाली पर लोगों का भरोसा कमजोर पड़ रहा है।
यह भी पढ़ें : एनपी-एनसीडी समीक्षा बैठक : अभियान निदेशक शशि प्रकाश झा ने आभा कार्ड बनवाने पर दिया जोर
पहले हो चुकी है कार्रवाई
कोड़ा कैबिनेट के ही पूर्व मंत्री हरिनारायण राय और एनोस एक्का को कोर्ट द्वारा सजा सुनाई जा चुकी है। वहीं बंधु तिर्की के खिलाफ भी सीबीआई के केस में फैसला आ चुका है। बावजूद इसके, बाकी मामलों की रफ्तार बेहद सुस्त बनी हुई है।
राजनीतिक दबाव का असर?
विशेषज्ञों का मानना है कि राजनीतिक संबंध और सत्ता से करीबी ही इन मामलों के धीमे होने की एक बड़ी वजह हो सकती है। विपक्ष का आरोप है कि भाजपा से जुड़े नेताओं पर ईडी और सीबीआई नरमी दिखा रही हैं।
विपक्ष का हमला
विपक्षी दलों ने इसे न्यायिक प्रक्रिया के साथ खिलवाड़ बताते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि अगर आम जनता के लिए त्वरित न्याय की व्यवस्था है, तो नेताओं के खिलाफ भी मामलों का निपटारा समयसीमा में होना चाहिए।
Reporter | Samachar Post
मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।