Samachar Post रिपोर्टर, रांची : आज विश्व फिजियोथेरेपी दिवस है। हर साल 8 सितंबर को मनाया जाने वाला यह दिन हमारे जीवन में फिजियोथेरेपिस्ट की अहम भूमिका को रेखांकित करता है। फिजियोथेरेपी केवल चोट या दर्द से राहत देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हर आयु वर्ग के लोगों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने का एक महत्वपूर्ण साधन है।
बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए जरूरी
झारखंड स्टेट काउंसिल फॉर फिजियोथेरेपी के स्टेट प्रेसिडेंट और गुलमोहर अस्पताल के फिजियोथेरेपी विभागाध्यक्ष डॉ. राजीव रंजन ने बताया कि:
- पीडियाट्रिक्स (बाल चिकित्सा) : बच्चों के विकासात्मक विकारों और शारीरिक संतुलन को सुधारने में मदद करती है।
- जेरियाट्रिक्स (बुजुर्गों की देखभाल) : हड्डियों को मजबूत रखने, गतिशीलता बढ़ाने और स्वतंत्र जीवन जीने की क्षमता बनाए रखने में सहायक।
- गाइनकोलॉजी : प्रसव पूर्व और प्रसव के बाद फिजियोथेरेपी महिलाओं को दर्द से राहत और शरीर को सामान्य करने में मदद करती है।
- ऑर्थोपेडिक्स : हड्डियों, जोड़ों और मांसपेशियों की चोट, फ्रैक्चर या सर्जरी के बाद पुनर्वास की प्रक्रिया में अनिवार्य।
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विशेषज्ञों की राय
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि फिजियोथेरेपी केवल इलाज का तरीका नहीं बल्कि आधुनिक स्वास्थ्य प्रणाली की आधारशिला है। यह न केवल शरीर को स्वस्थ बनाती है बल्कि व्यक्ति को अधिक सहज और सुखद जीवन जीने में मदद करती है।
क्यों खास है आज का दिन?
- हर साल 8 सितंबर को विश्व फिजियोथेरेपी दिवस मनाया जाता है।
- इसका उद्देश्य फिजियोथेरेपी की अहमियत और इसके माध्यम से स्वस्थ जीवन जीने के संदेश को लोगों तक पहुंचाना है।
Reporter | Samachar Post
मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।