Samachar Post डेस्क, रांची : झारखंड का कुख्यात अमन साहू गैंग सिर्फ रंगदारी और अपराध तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका नेटवर्क पाकिस्तान तक फैला हुआ था। रिमांड पर चल रहे सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह ने जांच एजेंसियों को चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
हथियार खरीद में पाकिस्तान लिंक
मयंक सिंह ने एटीएस की पूछताछ में बताया कि अमन साहू गैंग ने रंगदारी से वसूले गए पैसों का इस्तेमाल हथियार खरीदने में किया। यह पैसा हवाला के जरिए पाकिस्तान के एजेंटों तक पहुंचाया जाता था।
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अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का खुलासा
जांच में सामने आया है कि गैंग का कनेक्शन लॉरेंस बिश्नोई गिरोह, उग्रवादी संगठनों और कई अन्य आपराधिक गैंग से भी है।
सूत्रों के मुताबिक, झारखंड से वसूला गया पैसा हवाला चैनल के जरिये यूरोप भेजा जाता था, जहां से यह रकम मलेशिया और थाईलैंड में छिपकर रह रहे मयंक तक पहुंचती थी।
इसके बाद मयंक यह पैसा मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर स्थित पाक-पंजाब रेस्टोरेंट के एक कर्मचारी को सौंपता था। वहीं से यह रकम पाकिस्तान के हथियार सप्लायर्स तक पहुंचती थी। पैसा मिलते ही हथियार एजेंट अपने गुर्गों के जरिये अमन साहू गैंग तक हथियार पहुंचाता था।
रंगदारी से चलता था गैंग
अमन साहू गैंग मुख्य रूप से कोयला कारोबारी, ठेकेदार, ट्रांसपोर्टर और जमीन कारोबारियों से रंगदारी वसूलता था। मयंक ने एटीएस को बताया कि उसे कुल वसूली की जानकारी नहीं होती थी, बल्कि सिर्फ हथियार खरीद के लिए पैसा दिया जाता था।
अब न्यायिक हिरासत में
छह दिन की रिमांड पूरी होने के बाद एटीएस टीम ने मयंक को सोमवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे रामगढ़ जेल भेज दिया गया है।
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मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।