Samachar Post रिपोर्टर, रांची :देवघर के बसनली गांव से देर रात आई एक फोन कॉल ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी को तुरंत एक्शन मोड में ला दिया। फोन पर एक महिला कांपती आवाज में अपने पति की गंभीर हालत बताते हुए मदद की गुहार लगा रही थी। पति की जान बचाने की अपील सुनते ही मंत्री बिना देरी किए गांव के लिए रवाना हो गए। मौके पर पहुंचकर उन्होंने स्वयं मरीज की जांच की, परिजनों और डॉक्टरों से इलाज की स्थिति समझी।
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मरीज की गंभीर मेडिकल रिपोर्ट देखी
मंत्री को पता चला कि मरीज एक गरीब आदिवासी परिवार से है। पहले उन्हें एम्स देवघर रेफर किया गया, लेकिन बिना इलाज रिम्स रांची भेज दिया गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि एम्स में उन्हें इलाज नहीं मिला और वापस लौटा दिया गया। यह सुनते ही मंत्री ने एम्स प्रबंधन पर कड़ी नाराजगी जताई और कहा अगर गरीब और आदिवासी मरीज को एम्स से भी बार-बार रेफर किया जाएगा, तो ऐसे संस्थान की उपयोगिता पर सवाल उठना लाज़मी है।उन्होंने साफ किया कि जरूरत पड़ी तो वे खुद एम्स जाकर प्रबंधन से बात करेंगे।
तुरंत एंबुलेंस बुलाकर मरीज को रांची किया रेफर
स्थिति की गंभीरता देखते हुए मंत्री ने तत्काल एंबुलेंस की व्यवस्था कराई और मरीज को रिम्स रांची भेजा। साथ ही परिवार को आर्थिक सहायता दी, रांची में इलाज की पूरी मॉनिटरिंग सुनिश्चित कराई।
ग्रामीण हुए भावुक
कड़ाके की ठंड और रात के अंधेरे में मंत्री को अपने बीच पाकर ग्रामीण भावुक हो उठे। उन्होंने कहा जब तक इरफान अंसारी जैसे नेता हैं, हमें किसी बात का डर नहीं। इसपर मंत्री ने कहा यह कोई एहसान नहीं, मेरा कर्तव्य है। मैं पहले एक डॉक्टर हूँ, और डॉक्टर का सबसे बड़ा धर्म सेवा है। उन्होंने भरोसा दिया कि जब तक सांस है, वे जनता की सेवा करते रहेंगे।
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