Samachar Post रिपोर्टर, रांची : रांची विश्वविद्यालय में लंबे समय से लंबित शिक्षकों और कर्मचारियों के प्रमोशन तथा वेतन निर्धारण से जुड़े मामलों पर अब कार्रवाई शुरू हो गई है। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की पहल के बाद प्रक्रिया में तेजी आई है, जिससे विश्वविद्यालय से जुड़े शिक्षकों और कर्मचारियों में उम्मीद जगी है।
बैठक में कॉलेजों के मामलों पर त्वरित निर्णय
हाल ही में लगभग सात घंटे तक चली बैठक में कई कॉलेजों से संबंधित मामलों का निष्पादन किया गया। गोस्सनर कॉलेज के सभी 20 मामलों का निपटारा कर लिया गया, जबकि संत जेवियर्स कॉलेज के 6 मामलों को मौके पर ही स्वीकृति मिली। निर्मला कॉलेज के 16 में से 14 मामलों का समाधान कर लिया गया है, वहीं 2 मामले अब भी लंबित हैं। योगदा कॉलेज का प्रस्ताव आवश्यक दस्तावेजों की कमी के कारण वापस कर दिया गया।
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अधिकारियों ने निभाई अहम भूमिका, कार्यों की समीक्षा
इस प्रक्रिया में रजिस्ट्रार डॉ. गुरु चरण साहू, वित्त पदाधिकारी डॉ. दिलीप प्रसाद और ऑडिटर अजय प्रकाश ने अहम भूमिका निभाई। शाम के समय कुलपति प्रो. डीके सिंह और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा निदेशक सुधीर बाड़ा विश्वविद्यालय मुख्यालय पहुंचे और कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। अब सभी की निगाहें शुक्रवार को होने वाली अगली बैठक पर टिकी हैं।विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुल 80 शिक्षकों से जुड़े प्रस्ताव तैयार किए हैं, जिनमें प्रमोशन और वेतन निर्धारण दोनों से संबंधित मामले शामिल हैं। इन पर विभागीय टीम द्वारा सुनवाई कर निर्णय लिए जाने की संभावना है।
प्रमोशन व वेतन निर्धारण पर असमंजस
वहीं, विश्वविद्यालय मुख्यालय के कर्मचारियों को भी वर्षों से लंबित प्रमोशन मामलों के समाधान की आस है। हालांकि, हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद नई अड़चनें सामने आने से कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। विभागीय अधिकारियों ने विश्वविद्यालय से स्टाफ की स्थिति से जुड़ा विस्तृत ब्योरा मांगा है, जिसमें स्वीकृत पद, कार्यरत कर्मचारी और रिक्त पदों की जानकारी शामिल है। इसके बाद ही आगे निर्णय लेने की बात कही गई है।
वेतन निर्धारण जारी, जटिल मामलों पर निर्णय बाकी
निदेशक सुधीर बाड़ा की निगरानी में वेतन निर्धारण की प्रक्रिया लगातार जारी है। 19 दिसंबर को शिक्षकों के लंबित मामलों पर कार्रवाई की जाएगी। टीम के सदस्यों के अनुसार कई मामले जटिल हैं, जिस कारण प्रक्रिया में समय लग रहा है। बैठक के दौरान गैर-अंगीभूत कॉलेजों के कर्मचारियों के वेतन निर्धारण से जुड़े मुद्दे भी सामने आए। विभागीय टीम ने स्पष्ट किया कि जिन कर्मचारियों के नाम अग्रवाल और एस.बी. सिन्हा आयोग की सूची में शामिल नहीं हैं, उनके मामलों पर फिलहाल निर्णय नहीं लिया जा सकता। इसके लिए सरकार द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार किया जाएगा।
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मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।