Samachar Post डेस्क,बिहार :प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले में निर्णायक कदम उठाते हुए बिहार के पूर्व डीआईजी शिवेंद्र प्रियदर्शी की कुल 1.52 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली है। आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आय से अधिक संपत्ति अर्जित की।
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कौन-कौन सी संपत्तियाँ जब्त हुईं?
ED ने जिन संपत्तियों को अटैच किया है, उनमें शामिल हैं पटना स्थित दो फ्लैट, बैंक बैलेंस, सोने और चांदी के गहने, फिक्स्ड डिपॉजिट, किसान विकास पत्र, राष्ट्रीय बचत पत्र और विभिन्न म्यूचुअल फंड में किए गए निवेश। इस मामले की शुरुआत विशेष निगरानी विभाग ने फरवरी 2017 में की थी। बाद में मई 2017 में एफआईआर दर्ज होने के साथ ही चार्जशीट भी दायर की गई। इसी जांच के आधार पर ED ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत कार्रवाई शुरू की। इसके बाद यह संपत्तियाँ शिवेंद्र प्रियदर्शी और उनकी पत्नी से जुड़ी होने के कारण अटैच की गईं।
27 वर्षों में बेनामी और अवैध संपत्ति का खुलासा
ED के अनुसार, 1993 से 2017 तक सेवा के दौरान प्रियदर्शी की पोस्टिंग बिहार के कई अहम जिलों सासाराम, बेनीपुर, गोपालगंज, सिवान और पटना में रही। इसी अवधि में उन्होंने आय से कई गुना अधिक संपत्ति इकट्ठा की, जिसे अब अवैध घोषित करते हुए जब्त किया गया है। ED ने साफ किया है कि यह कार्रवाई प्रारंभिक चरण है और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े अन्य पहलुओं की जांच आगे भी जारी रहेगी।
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