Samachar Post रिपोर्टर,गुमला :गुमला शहर में जाम से राहत दिलाने के उद्देश्य से प्रस्तावित गुमला बाईपास सड़क परियोजना 12 साल से ठप पड़ी हुई है। बारह किलोमीटर लंबी इस सड़क का निर्माण रांची-गुमला मुख्यपथ से हवाई अड्डा होते हुए सिमडेगा-उड़ीसा मार्ग से छत्तीसगढ़ तक जोड़ने के लिए शुरू किया गया था, लेकिन अब तक केवल 20% काम ही पूरा हुआ है, और पुल का निर्माण अभी भी अधूरा है।
यह भी पढ़ें :Big Breaking: JSSC-CGL पेपर लीक मामले में हाईकोर्ट ने CBI जांच से किया इनकार, PIL खारिज
परियोजना का इतिहास और ठप होने का कारण
झारखंड बनने से पहले ही गुमला शहर में बाईपास सड़क का निर्माण प्रस्तावित था। तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने इसका शिलान्यास किया, लेकिन निर्माण शुरू नहीं हो सका। बाद में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शिलान्यास कर निर्माण शुरू कराया। लेकिन लगातार ठेकेदार बदलने, लागत बढ़ने और विभाग की सुस्त गति के कारण सड़क अधूरी ही रह गई।
स्थानीय लोगों का आक्रोश
स्थानीय लोग मानते हैं कि यह सड़क गुमला के लिए सपना परियोजना थी। सड़क बनने से जाम में कमी और दुर्घटनाओं में कमी होनी थी। अब लोग इसे अधिकारियों और ठेकेदारों के लिए कमाई का साधन मान रहे हैं। लंबे समय से अधूरा प्रोजेक्ट सिस्टम की गंभीरता और पारदर्शिता पर सवाल खड़ा कर रहा है।
Reporter | Samachar Post