- ओरमांझी की मुंडा टोली से राष्ट्रपति भवन तक, सैफ अंडर-17 में आठ गोल दागकर बनीं स्टार स्ट्राइकर
Samachar Post डेस्क, रांची :रांची के ओरमांझी प्रखंड स्थित रुक्का मुंडा टोली की रहने वाली 15 वर्षीय अनुष्का ने अपनी मेहनत, जज्बे और खेल प्रतिभा से पूरे राज्य को गौरवान्वित किया है। शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों उन्हें प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। देशभर से चयनित 20 बच्चों में अनुष्का का नाम शामिल होना झारखंड के लिए खास उपलब्धि है। अनुष्का वही खिलाड़ी हैं, जिन्होंने हाल ही में भूटान में आयोजित सैफ अंडर-17 महिला फुटबॉल चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए छह मैचों में आठ गोल दागे थे और टूर्नामेंट की टॉप स्कोरर बनी थीं।
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मिट्टी के घर से निकली उम्मीद
अनुष्का का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। उनके पिता दिलेश मुंडा लंबे समय से गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं और काम करने में असमर्थ हैं। परिवार की जिम्मेदारी उनकी मां पर है, जो खेती-बाड़ी करने के साथ-साथ सब्जी बेचकर घर चलाती हैं। दो भाइयों और एक बहन के बीच पली-बढ़ी अनुष्का ने बहुत कम उम्र में हालात को समझ लिया था। जहां गांव के बच्चे सामान्य खेलों में वक्त बिताते थे, वहीं अनुष्का के पैरों में हमेशा फुटबॉल रहती थी। मैदान, सड़क और खाली जमीन हर जगह वह गेंद के पीछे दौड़ती नजर आती थीं।
11 साल की उम्र में बदली जिंदगी
अनुष्का की जिंदगी में बड़ा मोड़ तब आया, जब महज 11 साल की उम्र में उनका चयन हजारीबाग के रेजिडेंशियल गर्ल्स फुटबॉल ट्रेनिंग सेंटर में हुआ। घर से दूर जाना आसान नहीं था। मां की आंखें नम थीं, लेकिन उन्होंने बेटी के सपनों पर भरोसा किया। आज अनुष्का हजारीबाग के इसी आवासीय प्रशिक्षण केंद्र में नियमित प्रशिक्षण ले रही हैं। उनकी दिनचर्या सुबह चार बजे से शुरू होती है, कठोर अभ्यास, पढ़ाई और अनुशासन। चोट, थकान और मानसिक दबाव के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
मैदान पर बनीं पहचान
लगातार अभ्यास के दम पर अनुष्का एक तेजतर्रार स्ट्राइकर के रूप में उभरीं। स्कूल गेम्स से लेकर राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में उन्होंने अपनी प्रतिभा साबित की। वह क्रिस्टियानो रोनाल्डो को अपना आदर्श मानती हैं, लेकिन मैदान पर उनकी अपनी अलग पहचान है। सैफ अंडर-17 चैंपियनशिप में उनका प्रदर्शन उनके करियर का अब तक का सबसे बड़ा अध्याय माना जा रहा है। इसके अलावा वह इंडियन एरोज वुमेन जूनियर्स टीम का भी हिस्सा रह चुकी हैं।
हजारीबाग प्रशिक्षण केंद्र में खुशी का माहौल
जब प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिलने की सूचना शुक्रवार को हजारीबाग स्थित प्रशिक्षण केंद्र पहुंची, तो वहां खुशी की लहर दौड़ गई। कोच और साथी खिलाड़ियों ने इसे अनुष्का की मेहनत, अनुशासन और संघर्ष की जीत बताया। अनुष्का आज झारखंड की उन बेटियों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं, जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखने का हौसला रखती हैं।
Reporter | Samachar Post