Samachar Post डेस्क, रांची :AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों, खासकर हिंदुओं पर हो रहे हमलों की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है और ऐसे मामलों को तुरंत रोका जाना चाहिए। ओवैसी ने विशेष रूप से दीपू चंद्र दास और अमृत मंडल की हत्या का जिक्र किया और इसकी जिम्मेदारी बांग्लादेश सरकार पर डाली, कहा कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना उसकी जिम्मेदारी है।
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भ्रष्ट राजनीति और सुरक्षा को लेकर चेतावनी
ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी भारत सरकार द्वारा भारत-बांग्लादेश संबंधों को मज़बूत करने के लिए उठाए जा रहे कदमों का समर्थन करती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगामी चुनावों के बाद दोनों देशों के रिश्ते और भी बेहतर होंगे। ओवैसी ने चिंता जताई कि ISI, चीन और भारत विरोधी ताकतें बांग्लादेश में सक्रिय हैं और वे वहां की स्थिति का राजनीतिक फायदा उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में शांति और स्थिरता भारत, खासकर पूर्वोत्तर राज्यों के लिए महत्वपूर्ण है।
भारत में हालात पर भी चिंता
ओवैसी ने बांग्लादेश में हो रही हिंसा के साथ-साथ भारत में भी बढ़ती हिंसा और कानून व्यवस्था पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह देखा जाना चाहिए कि ओडिशा के संबलपुर में एक मजदूर की हत्या, उत्तराखंड में MBA छात्र एंजेल चकमा की मौत इन घटनाओं से यह संकेत मिलता है कि कानून का शासन कमजोर हो रहा है और बहुसंख्यक-आधारित राजनीति का प्रभाव बढ़ रहा है।
मोब लिंचिंग और हिंसा की सख्त निंदा
ओवैसी ने जोर देकर कहा कि हर तरह की हिंसा और मॉब लिंचिंग की सख्त निंदा होनी चाहिए, चाहे वह भारत में हो या बांग्लादेश में। उन्होंने कहा कि जब कानून और संवैधानिक मूल्य पीछे हटते हैं, तो ऐसी घटनाएं उभरती हैं।
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