Samachar Post डेस्क, रांची :स्वतंत्रता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार ने सरकार से एक ऐतिहासिक अपील की है। परिवार के सदस्यों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर आग्रह किया कि जापान के रेंकोजी मंदिर में रखे गए नेताजी के अवशेषों को भारत लाने की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए। उन्होंने यह मांग 23 जनवरी 2026, नेताजी की 129वीं जयंती से पहले पूरी करने का निवेदन किया है।
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पोते चंद्र कुमार बोस का भावुक वीडियो संदेश
नेताजी के पोते चंद्र कुमार बोस ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि इतने वर्षों तक एक महान स्वतंत्रता सेनानी के अवशेषों का विदेश में रहना बेहद पीड़ादायक और दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि जयंती से पहले अवशेषों को भारत लाकर नेताजी को वह सम्मान दिया जाए, जिसके वे हकदार हैं। परिवार और आजाद हिंद फौज (INA) के पूर्व सैनिक यह मांग दशकों से उठाते आ रहे हैं, लेकिन अब तक इसे पूरा नहीं किया जा सका।
अनीता बोस–फाफ ने भी उठाया मुद्दा
नेताजी की बेटी प्रोफेसर अनीता बोस–फाफ भी लंबे समय से सरकार के सामने इस विषय को प्रमुखता से रखती रही हैं। परिवार ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि 21 अक्टूबर 2025 को सिंगापुर में आजाद हिंद की अंतरिम सरकार की स्थापना के 80 वर्ष पूरे हुए थे। इस अवसर पर भी INA के सैनिकों और बोस परिवार ने अवशेष वापस लाने की मांग दोहराई थी।
INA सैनिकों और बलिदानियों को सम्मान देने की बात
परिवार ने कहा कि नेताजी के अवशेष भारत आने से न केवल INA के पूर्व सैनिकों को सम्मान मिलेगा, बल्कि यह उन सभी सेनानियों और शहीदों को भी सच्ची श्रद्धांजलि होगी, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। पत्र में राष्ट्रपति से सकारात्मक हस्तक्षेप कर इस दिशा में ठोस कार्रवाई सुनिश्चित करने की अपील की गई है। नेताजी के परिवार का मानना है कि यह सिर्फ पारिवारिक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय अस्मिता और सम्मान से जुड़ा विषय है। अवशेषों की वापसी से आने वाली पीढ़ियां नेताजी की विरासत, संघर्ष और बलिदान को और करीब से महसूस कर सकेंगी।
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