Samachar Post रिपोर्टर, रांची :झारखंड सरकार जल्द ही भूमि म्यूटेशन (जमीन/फ्लैट के रिकार्ड में नामांतरण) की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने जा रही है। अब ऑनलाइन आवेदन व्यवस्था बंद कर दी जाएगी। नए सिस्टम के तहत रजिस्ट्री के बाद डीड (डीजीआरएस) सीधे अंचल अधिकारी (सीओ) के लॉगिन में पहुंच जाएगी।
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ऑनलाइन आवेदन क्यों हो रहा है बंद
राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग झारभूमि सॉफ्टवेयर को अपडेट कर रहा है ताकि डुप्लीकेसी आवेदन रोके जा सकें, लंबित मामलों में सुधार हो, फर्जीवाड़ा कम हो। विभाग के अनुसार, नया सॉफ्टवेयर नए साल में पूरी तरह लागू हो जाएगा। इसी वजह से लगभग 25 दिनों से नए ऑनलाइन म्यूटेशन आवेदन बंद हैं और कॉमन सर्विस सेंटर से भी आवेदन नहीं लिए जा रहे।
नए सिस्टम में क्या होगा
रजिस्ट्री के बाद NGDRS पोर्टल से डीड सीधे सीओ के पास पहुंचेगी। उसके बाद खरीदार को आवश्यक दस्तावेज अंचल कार्यालय में जमा करने होंगे। इसके बाद म्यूटेशन प्रक्रिया शुरू होगी। सीओ द्वारा नोटिस और आपत्ति का अवसर मिलेगा। नए सिस्टम में सीओ ऑनलाइन नोटिस जारी करेंगे। नोटिस मिलने के बाद 15 दिनों के भीतर आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है। इससे प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और वास्तविक रैयतों को अपनी बात रखने का मौका मिलेगा। अगर सीओ किसी कारण से आवेदन रद्द कर देते हैं, तो आवेदक डीसीएलआर के पास अपील कर सकता है। दस्तावेज सही पाए जाने पर डीसीएलआर सीओ को निर्देश देंगे कि म्यूटेशन कर दिया जाए। इससे छोटी-मोटी गलतियों से आवेदन रद्द होने की समस्या कम होगी।
पुराने दस्तावेजों पर भी नियम
2008 से पहले रजिस्टर्ड डीडों पर सीधे म्यूटेशन नहीं होगा। ऐसे मामलों में जिला उपायुक्त से अनुमति लेनी होगी। इससे पुराने दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर म्यूटेशन कराने पर रोक लगेगी।
किसानों-नागरिकों को फायदा
राजस्व उपनिरीक्षक संघ के संयोजक भरत सिन्हा के मुताबिक नया सिस्टम लंबित मामलों को तेजी से निपटाएगा। इस साल 23 लाख से अधिक आवेदन आए, जिनमें से आधे से ज्यादा छोटी त्रुटियों के कारण रद्द किए गए। नया सिस्टम बेवजह आवेदन रद्द होने की प्रवृत्ति पर रोक और पारदर्शिता लाएगा।
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