Samachar Post रिपोर्टर,रांची :झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी मंईयां सम्मान योजना इन दिनों अजीब आंकड़ों के फेर में फंसी दिख रही है। 18–50 वर्ष की पात्र महिलाओं के लिए शुरू की गई इस योजना में नाम कटने की रफ्तार तेज़ है, लेकिन नए लाभुकों की एंट्री 11 महीनों से लगभग शून्य बनी हुई है। योजना का पोर्टल जैसे ही किसी महिला लाभुक की उम्र 50 वर्ष पूरी होती देखता है, उसका नाम स्वतः सूची से हटा देता है। लेकिन दूसरी ओर, 18 वर्ष पूरी कर चुकी नई पात्र महिलाएं सिस्टम में जोड़ी ही नहीं जा रही हैं। नतीजा हर महीने 8,000 से 20,000 तक नाम कट रहे हैं, जबकि नई एंट्री लगभग शून्य है।
यह भी पढ़ें :बिहार की नई पहल: अब जीविका दीदियां गांव-गांव पहुंचाएंगी डिजिटल सरकारी सेवाएं
1.33 लाख से अधिक नाम उम्र सीमा की वजह से कटे
वरिष्ठ पत्रकार विनय चतुर्वेदी की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 11 महीनों में सिर्फ उम्र सीमा पूरी होने के कारण 1,33,776 महिलाओं के नाम पोर्टल से हट चुके हैं। वहीं राज्यभर से आए लगभग 2.5 लाख नए आवेदन अब भी लंबित पड़े हैं, जिन्हें अब तक पोर्टल पर अपडेट नहीं किया गया है। स्थानीय अधिकारी इसे तकनीकी खराबी बता रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि नए नाम जोड़ने पर अघोषित रोक लगा दी गई है।
चुनाव से पहले राशि बढ़ाई गई, लेकिन सत्यापन में कट गए 5.63 लाख नाम
इस योजना की शुरुआत अगस्त 2024 में की गई थी। शुरुआत में लाभुक महिलाओं को ₹1,000 प्रति माह मिलते थे। बाद में विधानसभा चुनाव से पहले राशि बढ़ाकर ₹2,500 प्रति माह कर दी गई। मुख्यमंत्री ने 6 जनवरी 2025 को पहली बार बढ़ी हुई राशि जारी की थी, जिसमें 56,61,791 लाभुकों को ₹2,500 की दर से कुल ₹1,415.44 करोड़ ट्रांसफर किए गए थे। हालांकि, इसके बाद सत्यापन में बड़े स्तर पर नाम हटाए गए 4,30,000 नाम फर्जी/गलत पाए जाने पर 1,33,776 नाम 50+ उम्र सीमा पूरी होने पर इस तरह अब तक कुल 5,63,791 नाम योजना से हटाए जा चुके हैं।
महीने दर महीने घट रही लाभुकों की संख्या
अक्टूबर 2024 में 51.04 लाख लाभुकों को राशि, नवंबर 2024 में 50.98 लाख, दिसंबर 2025 में संख्या और घटने की संभावना नाम कटने की यह रफ्तार और नई एंट्री न होने से, योजना की सफलता पर गंभीर सवाल खड़े होने लगे हैं।
Reporter | Samachar Post