Samachar Post डेस्क, रांची :ISRO ने सतीश धवन स्पेस सेंटर, श्रीहरिकोटा में तीसरे लॉन्च पैड का निर्माण शुरू कर दिया है। यह नया लॉन्च कॉम्प्लेक्स भारी सैटेलाइट, मानव अंतरिक्ष मिशन और अगली पीढ़ी के रॉकेट को सपोर्ट करेगा। ISRO वैज्ञानिकों के मुताबिक, लॉन्च पैड के निर्माण, इंस्टॉलेशन और कमीशनिंग में करीब 4 साल लगेंगे, यानी यह 2029 तक तैयार हो सकता है।
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भारी पेलोड क्षमता में भारत लगाएगा लंबी छलांग
ISRO 12,000-14,000 किलोग्राम तक के सैटेलाइट विभिन्न ऑर्बिट में भेजने वाले रॉकेट विकसित कर रहा है। नया लॉन्च पैड Crewed और uncrewed दोनों मिशनों के लिए डिज़ाइन किया जा रहा है। भविष्य में यह पैड LVM3 से भी बड़े पेलोड क्लास को लॉन्च करने में सक्षम होगा।
वेंडर चयन की प्रक्रिया जारी
ISRO फिलहाल इस प्रोजेक्ट के लिए योग्य वेंडर्स/इंफ्रास्ट्रक्चर पार्टनर्स की तलाश कर रहा है। स्पेस सेंटर के डायरेक्टर पद्मकुमार ईएस ने कहा कि लॉन्च पैड की प्लानिंग और डेवलपमेंट पहले से रोडमैप का हिस्सा है और इसमें तकनीकी तथा सहायक इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
श्रीहरिकोटा: भारत की लॉन्चिंग शक्ति का केंद्र
स्पेसपोर्ट 175 वर्ग किमी में फैला है। चेन्नई से 135 किमी दूर स्थित। यहां से PSLV, GSLV और LVM3 जैसे रॉकेट लॉन्च होते हैं। अब तीसरे पैड से लॉन्च फ़्रीक्वेंसी और पेलोड क्षमता दोनों बढ़ेंगे। ISRO 1971 से इस सेंटर को लगातार अपग्रेड कर रहा है और तीसरे लॉन्च पैड के साथ भारत की अंतरिक्ष लॉन्च क्षमता एक नए दौर में प्रवेश करेगी।
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