Samachar Post रिपोर्टर,रांची :केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त पहल से संचालित डहर 2.0 सर्वे में शिक्षा विभाग ने एक महत्वपूर्ण संशोधन किया है। अब सर्वे फॉर्म के धर्म कॉलम में ‘अन्य’ (Others) का विकल्प जोड़ा गया है। इस बदलाव के बाद वे आदिवासी बच्चे, जो स्वयं को हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन या बौद्ध धर्म से नहीं जोड़ते, अब अपनी पहचान ‘सरना’ या अन्य आदिवासी धर्म के रूप में दर्ज करा सकेंगे।
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यह बदलाव क्यों था जरूरी
पहले सर्वे में केवल छह धर्मों के विकल्प होने के कारण आदिवासी समाज में असंतोष था। जनजातीय संगठनों का कहना था कि इससे आदिवासी बच्चों की सही संख्या और उनकी सांस्कृतिक-धार्मिक पहचान सरकारी आंकड़ों में दर्ज नहीं हो पा रही थी। आदिवासी नेता अजय तिर्की ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा अन्य’ कॉलम जोड़ने से बच्चों की वास्तविक पहचान दर्ज होगी और सरकारी नीतियों के लिए सही आंकड़े सामने आएंगे। यह सिर्फ तकनीकी सुधार नहीं, बल्कि आदिवासी अस्तित्व और पहचान की स्वीकारोक्ति है।
सर्वे की प्रक्रिया और उसके लाभ
आयु वर्ग 3 से 18 वर्ष के सभी बच्चे शामिल होंगे, चाहे स्कूल में नामांकित हों या पढ़ाई छोड़ चुके हों। सर्वे का उद्देश्य समावेशी और सटीक डेटा संग्रह करना है। सही आंकड़ों के आधार पर समग्र शिक्षा अभियान की वार्षिक योजना और बजट तय किया जाएगा। आदिवासी समाज की भाषा, संस्कृति और धार्मिक पहचान सरकारी नीतियों में बेहतर स्थान पाएगी। इससे भविष्य में शिक्षा और जनजातीय कल्याण योजनाओं को और प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकेगा।
विभाग ने की पुष्टि
शिक्षा पदाधिकारी बादल ने बताया कि डहर 2.0 सर्वे विभागीय निर्देशों के अनुरूप संचालित हो रहा है और धर्म कॉलम में अन्य जोड़ना उच्च स्तर से मिले निर्देशों के तहत लागू किया गया बदलाव है।
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