- पद्मभूषण एवं ग्रैमी पुरस्कार विजेता पंडित विश्व मोहन भट्ट और तबला विशारद हिमांशु महंत ने दी मनमोहक प्रस्तुति
Samachar Post रिपोर्टर, रांची : झारखंड भारतीय शास्त्रीय संगीत की सर्वोच्च परंपरा का अद्वितीय अनुभव कराने के उद्देश्य से झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे) में आज स्पिक मैके के सहयोग से एक भव्य शास्त्रीय संगीत संध्या का आयोजन किया गया। इस गरिमामय कार्यक्रम में विश्वविख्यात मोहन वीणा वादक, पद्मभूषण एवं ग्रैमी अवॉर्ड से सम्मानित पंडित विश्वमोहन भट्ट ने अपनी विलक्षण प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके साथ बनारस घराना के प्रख्यात तबला वादक तथा पंडित किशन महाराज के शिष्य हिमांशु महंत ने शानदार संगत प्रस्तुत की। कार्यक्रम शाम 4:30 बजे विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित हुआ।
कलाकारों का हुआ सम्मान
कार्यक्रम की शुरुआत कलाकारों के पारंपरिक स्वागत से हुई। पंडित विश्वमोहन भट्ट और हिमांशु महंत का सम्मान प्रो. श्रेया भट्टाचार्जी एवं परीक्षा नियंत्रक डॉ. बी. बी. मिश्रा ने पुष्पगुच्छ एवं अंगवस्त्र भेंटकर किया। इस अवसर पर वित्त अधिकारी पी. के. पंडा, प्रो. सुचेता सेन चौधरी, प्रो. तपन कुमार बसंतिया, प्रो. विमल किशोर, डॉ. शशि सिंह, डॉ. भास्कर सिंह तथा डॉ. सुदर्शन यादव उपस्थित रहे। सीबीपी कार्यक्रम के प्रतिभागियों ने भी कार्यक्रम में शामिल होकर कलाकारों को सुना और भारतीय शास्त्रीय संगीत की गहरी समझ विकसित की।
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शास्त्रीय संगीत का अद्भुत समागम
विश्वप्रसिद्ध पंडित विश्वमोहन भट्ट ने अपनी आध्यात्मिक गहराई, सुरों की नज़ाकत और मोहन वीणा की अद्वितीय ध्वनियों से उपस्थित दर्शकों को मोहित कर दिया। भारतीय संगीत को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाने में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है। वहीं तबला के युवा और प्रतिभावान साधक हिमांशु महंत ने अपनी सधी हुई तकनीक, सुगठित लय-कौशल और अभिनव प्रस्तुति शैली से कार्यक्रम में समां बाँध दिया। दोनों कलाकारों की जुगलबंदी ने इसे एक दुर्लभ और अविस्मरणीय अनुभव बना दिया।
कार्यक्रम के संयोजक का वक्तव्य
कार्यक्रम के संयोजक एवं विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. शशि कुमार मिश्रा ने कहा अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पंडितजी और मोहन वीणा को प्रत्यक्ष सुनना विद्यार्थियों, शोधार्थियों, प्राध्यापकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के लिए निःसंदेह एक अविस्मरणीय अवसर है। इतने उच्च कोटि के कलाकारों का सान्निध्य सभी के लिए अत्यंत प्रेरणादायक सिद्ध हुआ।
अभूतपूर्व सहभागिता
इस प्रतिष्ठित सांस्कृतिक कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र, शिक्षक, शोधार्थी, संगीत-प्रेमी तथा स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। भारतीय शास्त्रीय संगीत की समृद्ध परंपरा को समझने और अनुभव करने वाला यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में दर्ज होगा। कार्यक्रम का सफल संचालन एवं संयोजन डॉ. शशि मिश्रा द्वारा किया गया।
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मैंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। पत्रकारिता के क्षेत्र में बतौर रिपोर्टर मेरा अनुभव फिलहाल एक साल से कम है। सामाचार पोस्ट मीडिया के साथ जुड़कर स्टाफ रिपोर्टर के रूप में काम कर रही हूं।