Samachar Post डेस्क, पटना: बिहार सरकार युवाओं को जॉब सीकर नहीं, जॉब क्रिएटर बनाने के मिशन पर तेजी से काम कर रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर शिक्षा विभाग और उद्योग विभाग मिलकर राज्य के हर विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक संस्थान में स्टार्टअप सेल स्थापित करने जा रहे हैं। इन स्टार्टअप सेल्स में छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ उद्यमिता प्रशिक्षण, मेंटरशिप, इनक्यूबेशन सपोर्ट और शुरुआती पूंजी जैसी सुविधाएं मिलेंगी। मकसद है कि युवा अपने आइडियाज को वास्तविक बिज़नेस में बदलें और खुद के साथ दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर पैदा करें।
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क्या मिलेगा स्टूडेंट्स को?
ऑफिस स्पेस, तकनीकी सहायता, अनुभवी मेंटर्स, निवेशकों से कनेक्ट होने का अवसर मैनेजमेंट, मार्केटिंग और फाइनेंस की ट्रेनिंग स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम के तहत 20 लाख तक का अनुदान, उद्योग मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने बताया कि यह पूरा स्टार्टअप इकोसिस्टम चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। सरकार चाहती है कि बिहार के युवा नौकरी की दौड़ से आगे बढ़कर खुद उद्यमी बनें।
इनक्यूबेशन सेंटर और नॉलेज हब भी तैयार होंगे
शिक्षा विभाग के अनुसार, संस्थानों में इनक्यूबेशन सेंटर और नॉलेज हब स्थापित किए जाएंगे, जहां छात्र अपने बिज़नेस आइडियाज पर विशेषज्ञों की मदद से काम कर सकेंगे। बिहार स्टार्टअप पॉलिसी 2022 को अब कॉलेज–विश्वविद्यालय स्तर तक विस्तार दिया जा रहा है। सरकार का मानना है कि जब कैंपस में स्टार्टअप कल्चर मजबूत होगा, तो राज्य में पलायन कम होगा और उद्योग-धंधों का नया दौर शुरू होगा।
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