Samachar Post रिपोर्टर,रांची :सदर हॉस्पिटल रांची में मंगलवार को पहली बार दो महत्वपूर्ण एंडोस्कोपी प्रक्रियाएं सफलतापूर्वक की गईं। ये प्रक्रियाएं हॉस्पिटल के गैस्ट्रो विभाग के विशेषज्ञ डॉ. सिद्धार्थ जैन और उनकी टीम द्वारा संपन्न की गईं, जो अस्पताल की तकनीकी प्रगति और विशेषज्ञता का बड़ा उदाहरण है। पहला मामला 11 महीने के शिशु का था, जिसे ट्रेकियो-इसोफेगल फिस्टुला की सर्जरी के बाद इसोफेगस में संकुचन की समस्या हो गई थी। शिशु पर एंडोस्कोपी के माध्यम से बैलून डाइलेशन की प्रक्रिया की गई, जो पूरी तरह सफल रही। अब बच्चा सामान्य रूप से मुंह से भोजन कर सकेगा। यह उसके स्वस्थ विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण कदम है।
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मरीजों को रांची में ही उच्चस्तरीय इलाज उपलब्ध कराया जाएगा- डॉ. जैन
दूसरा मामला 7 वर्षीय बालिका से जुड़ा है, जिसे सीलिएक रोग की आशंका में अस्पताल लाया गया था। विशेषज्ञों ने उस पर अपर जीआई एंडोस्कोपी करते हुए बायोप्सी का सैंपल लिया, जिसे जांच के लिए भेजा गया है। इससे बीमारी की पुष्टि करके समय पर उपचार शुरू किया जा सकेगा। अस्पताल प्रशासन के अनुसार इन दोनों प्रक्रियाओं का पहली बार सफल होना सदर हॉस्पिटल में उन्नत एंडोस्कोपी सेवाओं की शुरुआत का संकेत है। डॉ. जैन ने कहा कि आगे भी इस तरह की जीवन-रक्षक और अत्याधुनिक प्रक्रियाएं नियमित रूप से की जाएंगी, ताकि मरीजों को रांची में ही उच्चस्तरीय इलाज उपलब्ध हो सके।
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