Samachar Post रिपोर्टर,चतरा :टंडवा में कोयला परिवहन पूरी तरह ठप हो गया है। ट्रांसपोर्टरों और हाईवा मालिकों ने हड़ताल कर दी है, जिसके बाद करीब 1500 हाईवा खड़े हैं और पांच दिनों से कोयला उठाव बंद है। ट्रांसपोर्टरों का आरोप है कि टंडवा थाना पुलिस प्रति टन 15 रुपये की अवैध वसूली कर रही है। यह वसूली अगस्त 2025 से शुरू हुई, और आरोप है कि इसकी जानकारी चतरा से लेकर रांची के वरिष्ठ अधिकारियों तक थी सभी को हिस्सा जाता था।
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GM की चिट्ठी से खुला रास्ता, यहीं से शुरू हुआ दबाव
सूत्रों के मुताबिक, सीसीएल आम्रपाली–चंद्रगुप्त एरिया के महाप्रबंधक (GM) ने 24 अगस्त 2025 को एक पत्र जारी किया।
यह पत्र क्षेत्रीय विक्रय प्रबंधक और प्रेषण अधिकारी को संबोधित था, जबकि प्रतिलिपि सीसीएल मुख्यालय, आम्रपाली प्रोजेक्ट और टंडवा थाना पुलिस को भेजी गई थी।
GM स्तर से पहली बार नियम के साथ ऐसा पत्र हुआ जारी
कोयला उठाव करने वाले DO होल्डर, लिफ्टर और ट्रांसपोर्टरों का पुलिस सत्यापन अनिवार्य होगा। सत्यापन के बाद ही कोयला लोडिंग की अनुमति दी जाएगी। इस पत्र के बाद ट्रांसपोर्टरों के लिए थाना पहुंचना मजबूरी बन गया। यहीं से कथित रूप से 15 रुपये प्रति टन वसूली तय कर दी गई। यह भी बताया जा रहा है कि GM स्तर से इस तरह का सत्यापन निर्देश पहली बार जारी हुआ। शुरुआत में कुछ ट्रांसपोर्टरों ने इसका विरोध किया, लेकिन वरिष्ठ अफसरों और स्थानीय पुलिस के दबाव के आगे उन्हें झुकना पड़ा।
हर महीने 75 लाख से ज्यादा की उगाही!
टंडवा और आसपास की कोल परियोजनाओं से प्रतिमाह लगभग 5 लाख टन कोयला उठता है। ऐसे में 15 रुपये प्रति टन के हिसाब से हर महीने वसूली लगभग ₹75 लाख से अधिक होगा। इसी वजह से टंडवा–पिपरवार थाना को चतरा का क्रीम थाना कहा जाता है।
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